‘तत्‍त्‍वमसि’ उपन्‍यास एक ऐसे नायक की कथा है जो सहसा और सहज ही अपने आपको खोजने की एक प्रक्रिया में ख़ुद को पाता है। लेकिन यह ‘आत्मान्वेषण’ ज़िम्मेदारियों से दूर एकान्त में नहीं, बल्कि संघर्ष करते मनुष्यों के बीच प्रकृति के मध्य घटित होता है। मनुष्य को संसाधन माननेवाला यह नायक मनुष्य से ‘मानव’ के रूप में साक्षात्कार करता है। पश्चिम के प्रभावों एवं संस्कारों में लिपटा यह नायक इसी प्रक्रिया में अपने भीतर वर्षों की सोई संस्कृति की जड़ों को अंकुरित होते हुए देखता, अनुभव करता है। इस ‘आत्मान्वेषण’ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि नायक इस बात से अनभिज्ञ है कि वह ‘आत्मान्वेषण’ की प्रक्रिया में है। विरोध से आरम्भ हुई उसकी यात्रा स्वीकृति में निःशेष होती है।

नर्मदा की भौगोलिक, सांस्कृतिक और जीवन्त उपस्थिति इस उपन्यास की विशिष्टता है।

यथार्थ, फंतासी और कल्पना एक-दूसरे में ऐसे घुल-मिल गए हैं कि यह उपन्यास पढ़ना अपने आपमें एक विशिष्ट अनुभव की प्रतीति कराता है।

जंगल की आग, जंगल की बारिश, जंगल की चुप्पी, जंगल का शोर, जंगल के दिन, जंगल की रातें, जंगलों में रहते आदिवासी, उनकी संस्कृति और परम्पराएँ—सभी कुछ बड़े कौशल के साथ इस उपन्यास में बुना गया है। इसी अर्थ में यह एक भारतीय उपन्यास है।

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2003
Edition Year 2021, Ed. 4th
Pages 168p
Translator Ranjana Argade
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Author: Dhruv Bhatt

ध्रुव भट्ट

जन्म : 8 मई, 1947;

निंगाला, ज़िला—भावनगर, गुजरात।

शिक्षा : बी.कॉम (द्वितीय वर्ष) तक पढ़ाई।

इंजीनियरिंग फ़र्म में सेक्शन मैनेजर के रूप में कार्य।

प्रमुख कृतियाँ : उपन्यास—‘खोवायेलुं नगर’, ‘अग्निकन्या’, ‘समुद्रांतिके’, ‘तत्त्वमसि’, ‘अत्रापि’। कविता—‘श्रुवेन्तु’ (अपनी आवाज़ में एक ऑडियो कैसेट), ‘गाए तेना गीत’ (प्रशंसकों द्वारा संकलित काव्य-संग्रह)।

सम्मान : ‘समुद्रांतिके’ गुजराती साहित्य परिषद्, गुजराती साहित्य अकादेमी, मारवाड़ी सम्मेलन, गोवर्धन राम त्रिपाठी सम्मान समिति द्वारा; ‘तत्त्वमसि’ केन्‍द्रीय साहित्य अकादेमी, गुजराती साहित्य अकादेमी, गुजराती साहित्य परिषद्, मारवाड़ी सम्मेलन, कालायतन द्वारा और ‘अत्रापि’ गुजराती साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत।

अनुवाद : ‘समुद्रांतिके’ का मराठी, अंग्रेज़ी, ओड़िया में; ‘तत्त्वमसि’ का मराठी, अंग्रेज़ी में और ‘अत्रापि’ का अंग्रेज़ी, मराठी तथा फ़्रेंच में अनुवाद।

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