Smaran Sangeet

Memoirs
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Smaran Sangeet
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गायिका, गुरु, पदाधिष्ठितज्ञ आदि अनेक प्रकार से संगीत के क्षेत्र में लम्बे समय से कार्यरत रही डॉ. सुधा पटवर्धन ने अपनी पुस्तक 'स्मरण संगीत' में संगीत से सम्बन्धित अनेक विषयों पर अपने निरीक्षण एवं अभिप्राय पेश किए हैं। निजी स्मृतियाँ, संगीत की प्रथाओं-परम्पराओं पर भाष्य, कुछ मौलिक संगीत विषयों पर संक्षेप में विवेचन, इस प्रकार से पुस्तक का स्वरूप बहुआयामी है। अभिजात संगीत और मुख्य रूप में गायन संगीत तथा घरानों से लेकर संगीत के आर्थिक व्यवहार तक कई विषयों का परामर्श इस पुस्तक में लिया गया है। प्रतिपादन में खुलापन, गिने-चुने शब्दों में आशय व्यक्त करने की क्षमता जैसे गुणों का होना इस पुस्तक की विशेषता माननी होगी। लेखनी में पैनापन, संगीत के निर्दोष एवं स्वस्थ सफ़र के लिए दी गई सूचनाएँ तथा निर्देश अच्छा योगदान दे सकते हैं।

शैली सीधी सरल है। गुरु-माहात्‍म्‍य, गुरु-निष्ठा, गुरु सेवा, गुरुमुखी विद्या, रियासतें, पठनीय विचार पुस्तक में हैं। संगीत-प्रेमियों के लिए एक अनिवार्य पठनीय पुस्तक।

—अशोक श्री रानडे

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 216p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Editorial Review

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Sudha Patwardhan

Author: Sudha Patwardhan

सुधा पटवर्धन

संगीत शिक्षा : उदयपुर के राजगायक उस्ताद इमामुद्दीन डागर, पद्मभूषण संगीत चूड़ामणि
पं. विनायकराव पटवर्धन, प्रो. नारायणराव पटवर्धन, प्रो. मधुसूदन पटवर्धन से।

पद्मभूषण संगीत चूड़ामणि पं. विनायकराव पटवर्धन जी की स्नुषा।

एस.एन.डी.टी. यूनिवर्सिटी, मुम्बई से एम.ए. की उपाधि प्रथम श्रेणी में प्राप्त, विष्णु दिगम्बर संगीत महाविद्यालय की सन् 1974 से प्राचार्य, अखिल भारतीय गान्धर्व महाविद्यालय मंडल, मुम्बई से संगीत प्रवीण उपाधि से सम्मानित, तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ, पुणे से साहित्यशास्त्र में पारंगत। वहीं सचिव के रूप में पाँच वर्ष कार्यरत। इन्हीं वर्षों में मंडल के मुखपत्र 'संगीत कला विहार' की सम्पादक, साम्प्रत हाथरस से प्रकाशित मासिक पत्रिका 'संगीत' की सम्पादक के रूप में कार्यरत। विविध संगीत सेमिनार्स में 'साम संगीत' पर प्रदर्श तथा व्याख्यान।

कविकुलगुरु कालिदास रचित नान्दी एवं अन्य गीतों का स्वरतालबद्ध प्रस्तुतीकरण, नागपुर के प्रसिद्ध संस्कृत कवि प्रज्ञाभारती श्री भा. वर्णेकर जी के 'श्रीराम संगीतिका' ग्रन्थ के चुनिन्दा गीतों का स्वरतालबद्ध प्रस्तुतीकरण।

शास्त्रीय, उपशास्त्रीय एवं ललित संगीत के कार्यक्रमों की देश-भर में प्रस्तुति एवं अध्यापन। 

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