Shesh Agle Prishth Par

Author: K. D. Singh
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Shesh Agle Prishth Par

यह किताब एक ऐसे लेखक की है जो लेखन की दुनिया का पेशेवर बाशिन्दा नहीं है, फिर भी गद्य की एकदम ताज़ा पृष्ठभूमि से आया है, जहाँ विद्यार्थी जीवन के हल्के-फुल्के और रोचक अनुभवों के छोटे-छोटे टुकड़े हैं। उसने स्वयं कहा है कि ‘यह उपन्यास नहीं है’ और मैं इस तरह की कोशिश को ‘विधाओं में एक तोड़-फोड़’ कहता हूँ। यह तोड़-फोड़ सार्थक है, समर्थ है और पठनीय है। नये लोग कविता की तरह गद्य में भी नई संरचना लेकर आएँगे तो निश्चित ही समृद्धि आएगी—भाषा में, रूप में और विन्यास

में भी।

—दूधनाथ सिंह

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2012, Ed. 1st
Pages 88p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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K. D. Singh

Author: K. D. Singh

के.डी. सिंह

जन्म : 21 मार्च, 1975 को ग्राम—पिपरहरी, जनपद—बाँदा में।

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा बाँदा में, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक एवं परास्नातक। 1992 में आकाशवाणी इलाहाबाद से ‘युववाणी’ कार्यक्रम में कविता-पाठ की एक नियमित शृंखला से जुड़े रहे, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए कविता, व्यंग्य-लेख व निबन्धों का प्रकाशन।

पुरस्कार : 1991 में महाकवि निराला संस्थान इलाहाबाद द्वारा पुरस्कृत, 1992 में प्रसिद्ध भाषाविद् हरदेव बाहरी द्वारा साहित्यिक संस्था ‘उदीयमान’ के तत्त्वावधान में ‘युवा रचनाकार उदीयमान सम्मान’, वर्ष 2004 में प्रकाशित पुस्तक 'शेष अगले पृष्ठ' पर के लिए उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा ‘बालकृष्ण शर्मा नामित पुरस्कार’, वर्ष 2012 में प्रकाशित व्यंग्य-संग्रह 'हाशिये पर' के लिए उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा ‘शरद जोशी सर्जना सम्मान’।

प्रकाशन : अब तक कुल 5 पुस्तकें प्रकाशित—'शेष अगले पृष्ठ पर' (व्यंग्य), 'हाशिये पर' (व्यंग्य), 'लिखना न था कुछ' (कविता एवं ग़ज़ल-संग्रह), 'होते करते' (व्यंग्य-संग्रह), 'एतद् द्वारा' (व्यंग्य-संग्रह)।

सम्प्रति : उ.प्र. सरकार के अधीन परिवहन विभाग में राजपत्रित अधिकारी।

ई-मेल : kd21375@gmail.com

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