Rekhta ke Insha

Edition: 2021, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan - Rekhta Books
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Rekhta ke Insha
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"रेख़्ता क्लासिक्स" सीरीज़ उर्दू के क्लासिकी शायरों के प्रतिनिधि शायरी को नए पाठकों तक पहुँचाने के एक अनूठा प्रयास है। प्रस्तुत किताब में इंशाअल्लाह इंशा की प्रतिनिधि शायरी है जिसका संकलन फ़रहत एहसास साहब ने किया है।

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2021
Edition Year 2021, Ed. 2nd
Pages 184p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan - Rekhta Books
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Author: Inshallah Khan Insha

इंशाअल्लाह खान इंशा

इंशा उर्दू के दूसरे शायरों की तरह महज़ एक शायर नहीं बल्कि उर्दू ज़बान के विकास के सफ़र में एक संग-ए-मील की हैसियत रखते हैं। उनको क़ुदरत ने ऐसी सलाहियतों से नवाज़ा था कि बदक़िस्मती से वो उनको सँभाल नहीं सके। मुहम्मद हुसैन आज़ाद ने उनको उर्दू का अमीर ख़ुसरो कहा जबकि उनके बारे में बेताब का ये क़ौल भी मशहूर है कि “इंशा के फ़ज़ल-ओ-कमाल को उनकी शायरी ने खोया और उनकी शायरी को सआदत अली ख़ां की मुसाहिबत ने डुबोया।” इसमें शक नहीं कि इंशा अपने मिज़ाज की सीमाबियत और ग़ैर संजीदगी की बिना पर अपनी सलाहियतों को पूरी तरह कम में नहीं ला सके, उसके बावजूद शायरी के हवाले से कम और ज़बान के हवाले से ज़्यादा, उन्होंने ज़बान-ओ-अदब की जो ख़िदमत अंजाम दी उसकी कोई मिसाल उर्दू में नहीं मिलती।

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