Rajnaitik Kahaniyan

Author: Volga
Translator: C. Vasanta
You Save 10%
Out of stock
Only %1 left
SKU
Rajnaitik Kahaniyan

ये कहानियाँ उस राजनीति का पर्दाफ़ाश करती हैं जो भारतीय समाज में स्त्री-शरीर के इर्द-गिर्द बुनी गई हैं। संविधान और क़ानून से लेकर परिवार और व्यक्ति की मानसिकता तक में इस राजनीति के सूत्र गुँथे हैं। लेखिका का मानना है कि शरीर के शोषण से स्त्री को मानसिक रूप से दमित रखना, उसके व्यक्तित्व के विकास को रोककर उसके शरीर को नियंत्रित रखना एक गहरी राजनीति है जो पुरुष-प्रधान समाजों के मूल्यों के साथ गुँथी हुई है। अपना निजी काम समझकर जिसमें स्त्रियाँ अपनी पूरी ऊर्जा उँडेल देती हैं, वे काम दरअसल उनके लिए नहीं होते। समाज की धारणा यह है कि शरीर तथा मन, दो अलग-अलग इकाइयाँ हैं, और वह अवसर के अनुसार कभी मन तो कभी शरीर को अहमियत देने लगता है। लेखिका का कहना है कि हम अपने शरीर से अलग नहीं हैं, अब इस बात को स्पष्ट रूप से कहना अनिवार्य है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2005
Edition Year 2005, Ed. 1st
Pages 152p
Translator C. Vasanta
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Rajnaitik Kahaniyan
Your Rating
Volga

Author: Volga

वोल्गा

मूल नाम : ललिता कुमारी पोपुरी।

जन्म : 27 नवम्बर, 1950

शिक्षा : एम.ए. (तेलुगू साहित्य), आन्ध्र विश्वविद्यालय।

कार्यानुभव : 1973-1986 तक तेलुगू साहित्य का अध्यापन। 1991-1997 एक्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट (अस्मिता रिसोर्स सेंटर फ़ॉर वुमेन)।

प्रमुख कृतियाँ : ‘अटडु’, ‘अमे’, ‘मनम’; ‘पालिकिंचकु मौना मृदंगलानु’ (आलोचना); ‘सहजा’, ‘स्वेच्छा’, ‘कान्नेटी केरातला बेन्नेला’, ‘मानवी’; ‘आकासामलु सगम’, ‘राजकीय कथालु’, ‘वाल्लु अरुगुरु’, ‘प्रयोगम्’ ‘भिनना सन्दर्भालु’ (कहानी-संग्रह); ‘माकु गोडालु लेवु’ ‘नीलि मेघालु’, ‘नूरेल्ला चलम’ (सम्पादन); ‘सरमसण’, ‘सरी हाडुलु लेनी संध्यालु’, ‘महिला वर्णम’ (सह-सम्पादन)।

सम्मान : ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘रंगावली पुरस्कार’, ‘रेमिनेनी फ़ाउंडेशन अवार्ड’, ‘नान्दी अवार्ड’, ‘बेस्ट वुमेन राइटर अवार्ड’ के अलावा ‘बेस्ट नॉवेल अवार्ड’ (स्वेच्छा) और ‘आकासामलु सगम’ उपन्यास के लिए क्रमशः ‘उषोदया प्रकाशन’ और ‘उद्यम पत्रिका’ द्वारा सम्मानि‍त। स्त्री-मुद्दों पर काम करने के लिए तेलुगू विश्वविद्यालय का पुरस्कार।

सम्प्रति : अस्मिता रिसोर्स सेंटर फ़ॉर वुमन की जनरल सेक्रेटरी, नेशनल बुक ट्रस्ट के सलाहकार समिति की तेलुगू सदस्या।

Read More
Books by this Author
Back to Top