‘पूर्वी उत्तर प्रदेश की भौतिक संस्कृति’ (प्रागैतिहासिक युग से उत्तर मुग़ल युग तक) नामक कृति एक साधक अध्येता की अनुसन्धान-यात्रा की फलश्रुति है। पुस्तक में लेखनी ने प्रागैतिहासिक युग से लेकर लगभग अट्ठारहवीं शती तक मानव अधिवास के प्राचीन क्षेत्र वर्तमान पूर्वी उत्तर प्रदेश की भौतिक संस्कृति के विविध पक्षों के साहित्यिक एवं पुरातात्त्विक स्रोतों के आधार पर रूपायित करने का श्लाघनीय प्रयास किया है। बुद्ध पूर्वकाल के षोडश महाजनपदों में प्रमुख काशी, कोशल, वत्स का यह क्षेत्र राजनीतिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से भारतीय भूभाग का केन्द्रीय अधिभाग रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्राचीन इतिहास गौरवस्पद रहा है।
यह कृति अपनी परिकल्पना तथा प्रस्तुति की दृष्टि से अभिनन्दनीय है। पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे प्राचीन समृद्ध क्षेत्र के सुदीर्घ कालखंड को समवेत रूप से जहाँ एक ओर धर्म, समाज, राज्य, राज्यादर्श, नगर प्रशासन, भौतिक प्रगति के व्यापार, शिल्प, संगठन एवं शिक्षा को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र की वन सम्पदा के आधार पर पर्यावरणीय महत्त्व को भी नवीन अध्येताओं की दृष्टि से उपयोगी बनाया गया है। इस प्रकार ग्रन्थ की संयोजना और विषयगत प्रस्तुति स्रोतों की गवेषणा के साथ हुई है जिससे भौतिक संस्कृति के विविध आयामों की शोधपरकता में लेखक को सफलता प्राप्त हुई है।
यह कृति ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन में उपयोगी तथा पठनीय है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2019 |
Edition Year | 2019, Ed. 1st |
Pages | 204p |
Publisher | Lokbharti Prakashan |