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Pahar

Edition: 2024, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Pahar

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निश्छल प्रेम और दुर्निवार जीवन-तृष्णा की अपूर्व गाथा है—‘पहाड़’। राम ने अपनी प्रिया सीता के लिए समुद्र पर सेतु का निर्माण किया था—प्रीत कारण सेतु बाँधल सिया उदेस सिरी राम हो। और दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी पिंजरी के लिए पहाड़ काटकर रास्ता बनाया। राम देवता थे, जबकि दशरथ मांझी बिहार के गया ज़िले के एक साधारण गाँव के अति साधारण निवासी; समाज के सर्वाधिक उपेक्षित, वंचित और अभावग्रस्त समुदाय के एक सदस्य। लेकिन उन्होंने मानवीय प्रेम की ऐसी मिसाल क़ायम की, जिसके बारे में अब तक सिर्फ़ पौराणिक कथाओं-किंवदन्तियों में सुना गया था। इस तरह ‘पहाड़’ में साधारण की असाधारणता मूर्त हुई है।

दशरथ मांझी की यह गाथा उनके प्रेम की व्यक्तिगत परिधि तक सीमित नहीं है। इसमें उनके और उनके जैसे अनेक लोगों का जीवन-संघर्ष चित्रित है, जो समाज की सामन्ती शक्तियों के उत्पीड़न का शिकार बनते हैं। लेकिन तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद वे अपनी स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा की आकांक्षा से विमुख नहीं होते, बल्कि बार-बार संघर्ष करते हैं। उपन्यासकार ने काफ़ी बारीकी से सामाजिक-राजनीतिक जटिलताओं को प्रस्तुत किया है, जिससे यह कृति और व्यापक हो उठी है।

‘पहाड़’ का एक उल्लेखनीय पक्ष इसमें प्रकृति और पर्यावरण के प्रति प्रस्तुत दृष्टिकोण भी है। यह उपन्यास बतलाता है कि प्रकृति को अपनी लिप्सा-पूर्ति का साधन बनाकर मनुष्य अपने को ही नष्ट कर लेगा, जबकि उसके साहचर्य में उसका अस्तित्व बचा रह सकता है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2015
Edition Year 2024, Ed. 2nd
Pages 304p
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
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Nilay Upadhayaya

Author: Nilay Upadhayaya

निलय उपाध्याय

28 जनवरी, 1963 को बिहार में जन्मे निलय उपाध्याय हिन्दी के सुपरिचित कवियों में एक हैं। इनके कविता-संकलन हैं—‘अकेला घर हुसैन का’, ‘कटौती’ और ‘जिबह वेला’। इनके दो उपन्यास—‘अभियान’ और ‘वैतरनी’ प्रकाशित हो चुके हैं। कुछ साल पहले इन्होंने गंगोत्री से गंगा सागर तक की साइकिल से यात्रा की। ये मुम्बई में रहते हैं और पटकथा-लेखन से जुड़े हैं। ‘देवों के देव महादेव’ सीरियल और कई फ़िल्में लिख चुके हैं। इनका नाटक ‘पॉपकॉर्न विद परसाई’ एक लोकप्रिय कृति है। ‘पहाड़’ इनका तीसरा उपन्यास है जो दशरथ मांझी के जीवन पर आधारित है।

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