Nitish Kumar : Antrang Doston Ki Nazar Se

Author: Uday Kant
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Nitish Kumar : Antrang Doston Ki Nazar Se
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यह कहानी किसी भी उस आम आदमी की हो सकती है जिसके अन्दर कुछ अच्छा करने और करते रहने का जज़्बा हो !

‘नीतीश कुमार : अंतरंग दोस्तों की नज़र से’ महज़ नीतीश कुमार की जीवनी नहीं है, बल्कि यह मुन्ना बाबू की, ‘नेताजी’ की और नीतीश जी से माननीय नीतीश कुमार बनने की भी कहानी है जो उनके पचास वर्षों से अधिक समय से उनसे जुड़े अभिन्न मित्रों ने लिखी है। इसमें उनके माता-पिता, भाई-बहनों, पत्नी, पुत्र और हित-मित्र समेत कई ऐसे लोगों का ​​ज़िक्र है जिससे नीतीश कुमार की वह व्यक्तिगत-पारिवारिक छवि पहली बार सामने आती है जो उनके जगज़ा​​हिर सियासी जीवन के पीछे प्रायः ओझल रही है।

नीतीश कुमार के पिता रामलखन सिंह को अधिकतर लोग वैद्य और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जानते हैं। लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता के रूप में उनकी सक्रियता और राजनीति के छल-कपट से कुपित होकर उनके चुनाव लड़ने के हवाले से यह किताब नीतीश कुमार की पृष्ठभूमि के एक अहम मगर अल्पज्ञात पक्ष पर रोशनी डालती है।

यह जीवनी आज़ादी के बाद के बिहार की राजनीति का सटीक लेखा-जोखा भी है। नीतीश कुमार के बनने की प्रक्रिया बहुत ही जटिल व विकट रही है। वायु सेना अधिकारी की परीक्षा में असफल होने के बाद, जीविकोपार्जन के लिए सामने आए कई विकल्पों को निर्ममता से ठुकरा कर, मात्र जनसेवा के लिए चुनावी राजनीति की लहरों में डूबते-उतराते, जूझते, गिरते और फिर दूनी ऊर्जा से खड़े होकर अपने आदर्शों की रक्षा करने वाले संघर्षरत नीतीश कुमार की कहानी है यह।

अपनी सकारात्मक सोच के कारण हमेशा आशान्वित रहने वाले, एक छोटे से क़स्बे के मध्यवर्गीय परिवार से निकलकर सिर्फ़ अपनी लगन, जिजीविषा और ईमानदार नीयत की वजह से एक ‘असफल’ नेता से देश के गिने-चुने बेहतरीन मंत्रियों में से एक और डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के बाद मुख्यमंत्री के रूप में सबसे लम्बे समय से बिहार की बागडोर कुशलतापूर्वक सँभाल रहे नीतीश कुमार की यह प्रामाणिक और अनौपचारिक जीवनी इतनी रोचक ढंग से लिखी गई है कि आप इसे एक बैठक में ही पढ़कर ख़त्म कर लेना चाहेंगे!

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 784p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 5.5
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Uday Kant

Author: Uday Kant

उदय कांत

उदय कांत का जन्म 7 अक्टूबर, 1949 को हुआ। आपने इंजीनियरिंग में पी-एच.डी. किया है। भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में कार्य करते हुए अब तक आप राष्ट्रीय स्तर पर कई महत्त्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर चुके हैं। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के उप कुलपति तथा प्रभारी कुलपति, दिल्ली के कई तकनीकी संस्थानों के विज़िटिंग प्रोफ़ेसर, आई.आई.एम. (रोहतक) के तकनीकी सलाहकार, सी.डॉट. के अभियन्ता प्रमुख सह चीफ़ विजिलेंस ऑफ़िसर सह अपीलीय प्राधिकार सह प्रभारी हिन्दी सेल रह चुके हैं। भारतीय विद्या भवन (दिल्ली) के ज्योतिष विभाग में वर्षों तक अवैतनिक आचार्य रहे हैं। कई वर्षों से आर्ट ऑफ़ लिविंग के एडवांस कोर्स के शिक्षक भी हैं। फ़िलहाल बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं जहाँ विज्ञान की आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र को सशक्त कर रहे हैं।

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