Mohan Rakesh Aur Unke Natak

Author: Girish Rastogi
Edition: 2023, Ed. 5th
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Mohan Rakesh Aur Unke Natak

मोहन राकेश के नाटकों का यह अध्ययन वस्तुत: हिन्दी नाटक और रंगमंच की पूर्व स्थिति, उसकी उपलब्धियों और सीमाओं को भी सामने लाता है। नाट्य-भाषा और रंगमंच के अनेक पक्षों पर विचार करने के लिए यह सम्भवत: विवश करे। नाट्य-समीक्षा का स्वरूप भी इस पुस्तक में परम्परा से एकदम भिन्न है। नाट्य-समीक्षा के नए मापदंड सामने लाने में ही मोहन राकेश के नाटकों पर यह पुस्तक निश्चय ही मदद करेगी।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2023, Ed. 5th
Pages 146p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Girish Rastogi

Author: Girish Rastogi

प्रो. गिरीश रस्तोगी

जन्म: 12 जुलाई, 1935 शिक्षा: एम.ए., एम.एड., पी-एच.डी.

गतिविधियाँ भूतपूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष : : हिन्दी विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर। ब्रिस्टल स्कूल ऑफ ड्रामा, लन्दन, बेल्जियम, फ्रान्स, इटली, स्विट्जरलैण्ड, रोम की सफल यात्राएँ।

प्रकाशित कृतियाँ : हिन्दी नाटक का आत्म संघर्ष, नहुष, छायावन, अपने हाथ बिकानी।

पुरस्कार : उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा 'नहुष' पर महादेवी वर्मा पुरस्कार (1989), 'आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार (1992), 'हिन्दी नाटक और रंगमंच: नयी दिशायें, नये प्रश्न पर उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी से उत्कृष्ट निर्देशन के लिए पुरस्कार (1990), हिन्दी भाषा और रंगकर्म के लिए सुभद्राकुमारी चौहान पुरस्कार (1994)।

यात्राएँ : ब्रिस्टल स्कूल ऑफ ड्रामा लंदन, बेल्जियम, फ्रांस, इटली, स्विट्जरलैण्ड, रोम।

निधन : : 16 जनवरी 2015

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