Mere Bachche

Author: Arthur Miller
Translator: Pratibha Agarwal
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Mere Bachche
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अमेरिका ही नहीं, विश्व के श्रेष्ठ नाट्यकार आर्थर मिलर का नाटक ‘ऑल माइ संस’ एक ऐसी ही कृति है जो एक ओर व्यक्तिगत स्वार्थ एवं संकुचित दृष्टिकोण तथा दूसरी ओर सामाजिक हित एवं सहज मानवीयता के संघर्ष को मूर्त करती है। यह संघर्ष तब और अर्थपूर्ण तथा मार्मिक हो उठता है जब हम इसके एक छोर पर पिता को और दूसरे छोर पर पुत्र को पाते हैं। जिओ केलर सेना के लिए दागी सिलिंडर दे देते हैं जिसके फलस्वरूप 21 पायलट मर जाते हैं। यद्यपि इसके लिए वे पकड़े जाते हैं पर चालाकी से सारा दोष अपने साझीदार के सिर डाल वे मुक्त हो जाते हैं। जब इस तथ्य का उनके पुत्र क्रिस केलर को पता चलता है तो वह अत्यन्त क्षुब्ध होता है; देश के प्रति, देशवासियों के प्रति ऐसा जघन्य अपराध करने के लिए पिता को जेल ले जाने को तैयार हो जाता है। पिता अपनी भूल स्वीकार करते हैं और अपने को गोली मारकर उस भूल का प्रायश्चित्त करते हैं। विश्वयुद्ध  की पृष्ठभूमि में लिखे गए इस नाटक का कथानक सार्वभौम महत्त्व का है; ऐसी स्थिति किसी भी देश, किसी भी काल में पाई जा सकती है जब लोभ के कारण, व्यक्ति स्वार्थ के लिए एक व्यक्ति देश एवं समाज का बहुत बड़ा अहित कर बैठता है। हम सही मायनों में लड़ाई की विभीषिका से भले ही न गुज़रे हों, पर आए दिन जनकल्याण के कामों में जो धोखाधड़़ी, लूट-खसोट दिखलाई पड़ती है वह कम बड़ा अपराध नहीं है, उसका ‘ऑल माइ संस’ की घटनाओं से अद् भुत साम्य प्रतीत होता है।

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1978
Edition Year 2011, Ed. 3rd
Pages 120p
Translator Pratibha Agarwal
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Author: Arthur Miller

आर्थर मिलर

जन्म : 17 अक्टूबर, 1915

प्रख्यात अमेरिकी नाटककार और निबन्धकार।

प्रमुख कृतियाँ : ‘ऑल माइ संस’, ‘डेथ ऑफ़ ए सेल्समैन’, ‘दी क्रुकिबल’, ‘ए व्यू फ़्रॉम द ब्रिज’, ‘दी मिस्फ़ि‍ट्स’, ‘डेथ ऑफ़ ए सेल्समैन’ को 20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ अमेरिकी नाटकों की श्रेणी में रखा जाता है।

सम्मान : ‘पुलित्ज़र सम्मान’, ‘सेंट लुईस लिटरेचर अवार्ड’, ‘प्रिंस ऑफ़ ऐस्टूरीयस अवार्ड’, जेरुसलम पुरस्कार, ‘डोरोथी एंड लिलियन गिश पुरस्कार’।

निधन : 10 फ़रवरी, 2005

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