"मीर बीमार हुए" फ़िक्र तौंसवी की मज़ाहिया मज़ामीन का मज्मूआ है जिसमें ज़िन्दगी की छोटी-छोटी सितम-ज़रीफ़ियों को बड़ी ही नाज़ुकी से बयान किया गया है। फ़िक्र तौंसवी का व्यंग्य मानवीय है। उन्होंने इसे फ़ह्हाशी और तशद्दुद से, दास्तानों की मसनूइयत से और सबसे बढ़कर मज़ामीन के खोखलेपन और मुनाफ़िक़त से बचाया है।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Shaoib Shahid |
Publication Year | 2022 |
Edition Year | 2022, Ed. 1st |
Pages | 85p |
Publisher | Rajkamal Prakashan - Rekhta Books |
Dimensions | 19 X 12 X 1 |