Maseeha Ki Aankhein

Author: Balram
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Maseeha Ki Aankhein
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‘मसीहा की आँखें’ में दो किस्म की लघुकथाएँ हैं—पहली लघुकहानी जैसी तो दूसरी लघुव्यंग्य जैसी। दोनों ही किस्म की रचनाएँ अपने लघु कलेवर में गहरी चोट करने की क्षमता से लैस हैं। बलराम का यह संग्रह सही अर्थों में लघुकथा को बहुविध स्थापित तो करता ही है, उसके प्रतिमानों को सर्जनात्मक लेखन से पुष्ट भी कर देता है। अब इसमें कोई सन्देह नहीं रह गया है कि लघुकथा एक सशक्त विधा है। संवाद, संवेदना, भाषा, चरित्र, शिल्प और परिवेश के वे सारे तत्त्व इसके भी वैसे ही अंग हैं, जैसे उपन्यास और कहानी के होते हैं। बलराम ने इसके जरिये उन सारी दलीलों को खारिज कर दिया है कि लघुकथा का कोई भविष्य नहीं। वास्तविकता तो यह है कि आज जब व्यक्ति के पास अधिक समय नहीं है, इस भागमभाग भरी जिन्दगी में यही विधा सबसे कारगर और प्रभावी है। ‘डायरी’ लघुकथा विधा की विकास यात्रा तो कराती ही है, उसके सौन्दर्यशास्त्रीय पक्ष पर भी गहरा मंथन करती है। उल्लेखनीय लघुकथाओं के विवेचन के साथ बलराम ने उनके प्रतिमानों को स्थिर, विन्यास को सुदृढ़ और सर्जनात्मक विधा के रूप में उनकी अन्तर्क्रिया को समझने की एक नई व्यवस्था दी है, जो न सिर्फ लेखकों के लिए उपयोगी है, बल्कि उनके लिए भी विशेष रूप से लाभप्रद है, जो लघुकथा को सही अर्थों में समझना चाहते हैं।

—ज्योतिष जोशी

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 144p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1.5
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Balram

Author: Balram

बलराम
बलराम का जन्म 15 नवम्बर, 1951 को उत्तर प्रदेश में हुआ। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘कलम हुए हाथ’, ‘गोआ में तुम’ (कहानी); ‘मसीहा की आँखें’ (लघुकथा); ‘नेताजी की वापसी’ (व्यंग्य); ‘जननी जन्मभूमि’, ‘मंजरी का मन’ (उपन्यास); ‘माफ करना यार’ (आत्मकथा); ‘मेरा कथा समय’, ‘लोक और इतिहास’, ‘स्वाधीनता का महास्वप्न’ (आलोचना); ‘औरत की पीठ पर’ (रिपोर्ताज); ‘बातों के बादशाह’ (साक्षात्कार); ‘प्रेमचन्द रचनावली’, ‘भारत कथा कोश’ (सम्पादन)।

एनसीईआरटी की पाठ्यक्रम समिति में रहे। साहित्य अकादेमी की ओर से फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) में भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व। दैनिक ‘आज’ (कानपुर) से ‘सारिका’ में आए, फिर ‘नवभारत टाइम्स’ में साहित्य सम्पादक रहे। ‘लोकायत’, ‘शब्दयोग’ और ‘शिखर’ का भी सम्पादन किया।

उन्हें उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ के ‘साहित्य भूषण सम्मान’, बिहार राजभाषा विभाग, पटना के ‘भीमराव अम्बेडकर सम्मान’, हिन्दी अकादमी, दिल्ली के ‘साहित्यकार सम्मान’, हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के ‘शताब्दी सम्मान’, ‘अट्टहास शिखर सम्मान’, ‘माधवराव सप्रे सम्मान’, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा के ‘गणेशशंकर विद्यार्थी सम्मान’ और वाराणसी के ‘सृजन शिखर सम्मान’ से सम्मानित किया गया है।

सम्प्रति साहित्य अकादेमी की पत्रिका ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ के सम्पादक।

ई-मेल : balrampn@ gmail.com

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