Author: Labhshankar Thakur
लाभशंकर ठाकर
जन्म : 14 जनवरी, 1935; सुरेंद्रनगर, गुजरात।
शिक्षा : गुजरात विश्वविद्यालय से बी.ए. और एम.ए., शुद्ध आयुर्वेद में डिप्लोमा।
गुजराती भाषा के महत्त्वपूर्ण कवि और नाटककार। लगभग 7 वर्षों तक अहमदाबाद के विभिन्न कॉलेजों में अध्यापन करते हुए आयुर्वेद की पढ़ाई भी की। आगे चलकर उन्होंने ‘कायाचिकित्सा’ नामक क्लिनिक की शुरुआत की और आयुर्वेदाचार्य के रूप में प्रैक्टिस करने लगे। साहित्य में आधुनिक मूल्यों के पक्षधर लाभशंकर ठाकरे पर एब्सर्ड थियेटर का प्रभाव दिखाई पड़ता है। उन्होंने लगभग 56 किताबें लिखीं। आयुर्वेद पर उनकी लगभग 21 किताबें हैं।
प्रमुख कृतियाँ : ‘एक अन्दर अने जदुनाथ’, ‘असत्यकुमार एकग्रानी धड़पकड़’, ‘मारी जवानी मज़ा’, ‘बाथटब मा मछली’, ‘काहे कोयल शोर मचाए रे’ (नाटक); ‘मानास्नी वात’, ‘कलाग्रंथी’, ‘तोला आवाज़ घूँघट’, ‘समय समय’ (कविता)।
सम्मान : ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘कुमार चन्द्रक सम्मान’, ‘नर्मद सुवर्ण चन्द्रक’, ‘रंजीतराम सुवर्ण चन्द्रक’, ‘साहित्य गौरव पुरस्कार’।
निधन : 6 जनवरी, 2016
Read More