Khushdesh Ka Safar

Author: Pallavi Trivedi
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Khushdesh Ka Safar
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हर इनसान के भीतर एक यायावर सोया होता है। लेकिन कम ही लोग होते हैं जो अपने भीतर सोये हुए यायावर को जगा पाते हैं; और उसकी उँगली पकड़कर घर से निकल पड़ते हैं। ज़्यादातर लोग ज़िन्दगी की ख़ुशहाली को बनी-बनाई हदों के भीतर तलाश करते हैं। अपने सुरक्षित दायरों के बाहर क़दम रखने से वे हिचकते हैं। इस तरह वे ज़िन्दगी के असल एडवेंचर का लुत्फ़ नहीं ले पाते। उनके विपरीत कुछ लोगों को बनी-बनाई हदें, दूसरों की बनाई लीकें क़तई मंजूर नहीं होतीं। वे न केवल अपनी हद ख़ुद तय करते हैं बल्कि उसको बार-बार तोड़ते हैं।

इस तरह के ‘एडवेंचर’ का माद्दा न हो तो यायावर होना मुश्किल है। हमारी ख़ुशक़िस्मती कि पल्लवी त्रिवेदी में यह माद्दा है। वह अपने भीतर के यायावर को सोने नहीं देतीं और हर-हमेशा नई-नई जगहों तक, अदेखे-अजाने प्रदेशों तक जाती रहती हैं। ‘ख़ुशदेश का सफ़र’ उनकी इसी अनूठी यायावरी का दिलकश दस्तावेज़ है। कोई और होता तो वह भूटान के लिए सीधे फ़्लाइट बुक करता, समय बचाता और पहले से टैक्सी और होटल सुनि​श्चित कर इस ख़ुशदेश की दर्शनीय जगहों को अपना चेहरा दिखाकर लौट जाता—यह उन अनगिनत यात्राओं में से एक होती जिनमें दूसरों को बताने के लिए कुछ नहीं होता। पल्लवी ने पर्यटन की इस पुरानी लीक को पकड़ने के बजाय भूटान के अपने सैर-सफ़र के लिए जो रास्ता पकड़ा, उसका एक-एक क़दम उन्होंने ख़ुद गढ़ा है। यही वजह है कि इस किताब में दर्ज उसका वृत्तान्त न केवल किसी रोचक उपन्यास जैसा पठनीय बन गया है, बल्कि हर उस शख़्स के लिए एक ज़रूरत भी जो अपने भीतर सोये यायावर को जगाने की तरकीब ढूँढ़ रहे हैं।

—यूनुस खान

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 224p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Sarthak (An imprint of Rajkamal Prakashan)
Dimensions 21 X 13.5 X 1.5
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Pallavi Trivedi

Author: Pallavi Trivedi

पल्लवी त्रिवेदी

पल्लवी त्रिवेदी का जन्म 8 सितम्बर, 1974 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा मुरैना व शिवपुरी में हुई। उच्च शिक्षा मंडला और शाजापुर में हुई। 1999 में उनका चयन राज्य पुलिस सेवा में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर हुआ। पल्लवी की प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा’ (व्यंग्य-संग्रह); ‘तुम जहाँ भी हो’ (कविता-संग्रह)। उनकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होती रही हैं। लेखन के अतिरिक्त वे यात्राओं, संगीत व फ़ोटोग्राफ़ी का शौक रखती हैं। बर्ड फ़ोटोग्राफ़ी में उनकी विशेष रुचि है। ‘तुम जहाँ भी हो’ पुस्तक के लिए उन्हें 2020 में मध्यप्रदेश के ‘वागीश्वरी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। सराहनीय कार्य के लिए उन्हें ‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’ से सम्मानित किया जा चुका है।

सम्प्रति : मध्यप्रदेश में राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी। वर्तमान में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में ए.आई.जी. के रूप में पदस्थ।

सम्पर्क : trivedipallavi2k@gmail.com

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