Kavita Kaaran Dukh

Edition: 2018, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Kavita Kaaran Dukh
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‘कविता कारण दु:ख' सुधी पाठकों को कुछ-कुछ अपना लगेगा और कुछ-न-कुछ बेहतर सोच-विचार के लिए प्रेरित व विवश भी करेगा। क्योंकि प्रारम्भिक तौर पर अति…सरलीकृत-सी दिखाई देनेवाली इन कविताओं में वैश्विक राजनीति और वैश्विक कविता के अक्षांश का सारांश भी सहज ही देखा जा सकता है।

यह ज़रा भी अन्यथा नहीं है कि उनकी कविताओं का मूल स्वर मनुष्य, मनुष्यता, प्रेम और सत्ता-विरोध ही अधिक है। वे सामाजिक विद्रूपताओं के विपक्ष और आम आदमी की पीड़ा के पक्ष में सदैव ही मुस्तैदी से खड़े दिखाई देते हैं।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 100p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
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Rajkumar Kumbhaj

Author: Rajkumar Kumbhaj

राजकुमार कुम्भ

जन्म : 12 फरवरी, 1994, इन्दौर (म.प्र.)।

प्रकाशित प्रमुख कृतियाँ : ‘कच्चे घर के लिए’, ‘बुद्ध को बीते बरस बीते’, ‘मैं चुप था जैसे पहाड़’, ‘प्रार्थना से मुक्त’, ‘अफवाह नहीं हूँ मैं’, ‘जड़ नहीं हूँ मैं’, ‘और लगभग इस ज़िन्दगी से पहले , ‘शायद ये जंगल कभी घर बने , ‘आग का रहस्य’, ‘निर्भय सोच में’, ‘घोड़े नहीं होते तो ख़िलाफ़ होतेֹ’, ֹ‘खौलेगा तो खुलेगा’, ‘पूछोगे तो जानोगे’, ‘एक नाच है कि हो रहा है’, ‘अब तो ठनेगी ठेठ तक’ (कविता-संग्रह); ‘आत्मकथ्य’ (व्यंग्य-संग्रह); ‘विचार कविता की भूमिका’, ‘शिविर’, ‘त्रयी’, ‘काला इतिहास’, ‘वाम कविता’, ‘चौथा सप्तक’, ‘निषेध के बाद’, ‘हिन्दी की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कविता , ‘सद्भावना’, ‘आज की हिन्दी कविता’, ‘नवें दशक की कविता-यात्रा’, ‘कितना अँधेरा है’, झरोखा’, ‘मध्यान्तर’, ‘Hindi Poetry Today’, ‘छन्द प्रणाम’, ‘काव्य चयनिका’ आदि अनेक महत्त्वपूर्ण तथा चर्चित कविता-संकलनों में कविताएँ सम्मिलित और अंग्रेज़ी सहित भारतीय भाषाओं में अनूदित।

ई-मेल : rajkumarkumbhaj47@gmail.com

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