हमारे महापुरुषों, संतों, महात्माओं ने कहा है कि मनुष्य समस्त प्राणियों में श्रेष्ठ है। हमारे धर्मशास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख है कि मनुष्य समस्त प्राणियों में श्रेष्ठ है। दुनिया को नई राह दिखानेवाले महानुभावों ने भी कहा है कि यह हमारा सौभाग्य है कि ईश्वर ने हमें यह अनमोल जीवन दिया है। यह जीवन प्रकृति प्रदत्त अनमोल उपहार है। हमारे महापुरुषों ने मानव जीवन की श्रेष्ठता की अभिव्यक्ति केवल शब्दों में ही नहीं की है, बल्कि अपने कर्मों से भी सिद्ध किया है कि यह अनमोल है। इस जीवन से अनमोल दुनिया में दूसरा कुछ भी नहीं है। जिन लोगों ने माना कि जीवन अनमोल है, अमृत है और प्रकृति प्रदत्त बहुमूल्य उपहार है, इसके अन्दर असीम शक्ति है, उन्होंने खुद के और दुनिया के लिए नई राह बनाई, दुनिया को एक नई दिशा दी और असम्भव को सम्भव कर दिखाया। विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं और नित्य खोज एवं आविष्कार कर अचम्भित कर दिया। यही कारण है कि दुनिया उन्हें आज भी याद करती है। ऐसा नहीं है कि इन लोगों को ईश्वर ने अलग हटकर बनाया या उन्हें किसी विशिष्ट शक्ति से परिपूर्ण कर पृथ्वी लोक पर भेजा। वे भी हमारे आपके जैसे ही थे। ईश्वर ने हममें और उनमें कोई अन्तर नहीं किया, फिर भी वे अनमोल सितारे बन गए और हम जहाँ थे, वहीं रह गए। इसका कारण यह है कि उन्होंने इस अनमोल जीवन का मूल्य समझा। अपने अन्दर छुपी शक्ति को पहचाना और उसका सदुपयोग जग के कल्याणार्थ किया। नतीजतन वे जीवन की अनमोलता को साकार करने में सफल रहे।
निस्सन्देह दृष्टि और मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में हमारे होने को एक बड़े फलक पर परिभाषित करती पठनीय एवं महत्त्वपूर्ण कृति है ‘जीवन अनमोल है’

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2021
Edition Year 2021, Ed. 1st
Pages 134p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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You're reviewing:Jeevan Anmol Hai
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Ravindranath Prasad Singh

Author: Ravindranath Prasad Singh

रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह

जन्म : मुसहरिया, कुंडवा चैनपुर ढाका, पूर्वी चम्पारण (बिहार)।

शिक्षा : स्नातकोत्तर विज्ञान (बी.यू.); स्नातक पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान (पी.यू.)।

प्रकाशित कृतियाँ : आप भी सफल हो सकते हैं, सफलता के 5 सूत्र, ज़िन्दगी एक अवसर, ज़िन्दगी एक कला, जीवन एक दर्पण, क्या खोया और क्या पाया?, जीवन को बेहतर कैसे बनाएँ?, सोच को बदलें, व्यक्तित्व निर्माण, जीवन अनमोल है, जीवन का पैरामीटर।

प्रकाश्य : कर्म और धर्म एक है, बिहार का विकास एक सन्दर्भ, कर्म-मूल्य, ख़ुद को मोटिवेट करें, बेहतर आदमी कैसे बनें?, सफल आदमी कैसे बनें?

अभिरुचि : लेखन एवं समाज सेवा।

सम्प्रति : अपर समाहर्ता, मधेपुरा।

सम्पर्क : babu.piyush20@gmail.com

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