Itihaskaar Ka Matantar

Author: Mubarak Ali
Translator: Prem Kapoor
Edition: 2010, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Itihaskaar Ka Matantar

पाकिस्तान के पाठ्यक्रम में इतिहास की जो पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं, उनमें भारत और हिन्दुओं का उल्लेख एक शत्रु देश और शत्रु के रूप में किया गया है। उनमें पाकिस्तान का इतिहास शुरू होता है मुहम्मद–बिन–कासिम के भारत आक्रमण से। भगत सिंह, अशफ़ाक़उल्ला ख़ाँ, महात्मा गांधी, सुभाषचन्द्र बोस, ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ाँ जैसे स्वाधीनता–सेनानियों का उनमें कोई उल्लेख नहीं। स्वाधीनता–सेनानियों के रूप में इक़बाल, मुहम्मद अली ज़िन्ना, लियाक़त अली ख़ाँ जैसे लोगों का ही नाम है जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध न तो कोई जंग की, न ही जेल गए। वहाँ के इतिहास में औरंगजेब को महानायक तथा अकबर को खलनायक के रूप में चित्रित किया गया है। इतिहास को तोड़–मरोड़कर पेश करने की परम्परा केवल पाकिस्तान में ही नहीं, हमारे देश में भी रही है। फ़र्क़ केवल मात्रा का है। वहाँ यह मानसिकता प्रचुर मात्रा में है तो यहाँ अल्प। मसलन हिन्दू कट्टरवादियों द्वारा बाबर को भारत पर आक्रमणकारी तथा हिन्दू विरोधी के रूप में चित्रित किया जाता है और आज भी भारतीय मुसलमानों को बाबर की सन्तान कहकर कोसा जाता है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2002
Edition Year 2010, Ed. 2nd
Pages 148p
Translator Prem Kapoor
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Mubarak Ali

Author: Mubarak Ali

मुबारक अली

जन्म : 21 अप्रैल, 1941

पाकिस्तान के अत्यन्त लोकप्रिय, बहुचर्चित, बहुपठित, इतिहासकार और स्तम्भकार मुबारक अली, जिनकी क़लम तल्ख़ से तल्ख़ सच को भी उजागर करने से नहीं चूकती। यही वजह है कि जहाँ आम पाठक के मन में इनके प्रति श्रद्धाभाव है वहीं कट्टरवादियों तथा निहित स्वार्थियों का एक वर्ग इनका विरोधी भी रहा है। परन्तु विरोध की परवाह किए बिना आप अपने लेखों में विवादित मुद्दे उठाते हैं, बहस का आधार देते हैं और इसीलिए पाठकवर्ग आपको बड़े चाव से पढ़ता है।

1963 में आपने सिन्ध यूनिवर्सिटी, हैदराबाद से एम.ए. किया, फिर 1976 में रूह्र यूनिवर्सिटी, बोकम (जर्मनी) से इतिहास में पीएच.डी. किया।

सिन्ध यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफ़ेसर तथा विभागाध्यक्ष रहने के अलावा आप गेटे इंस्टीट्यूट, लाहौर के रेसिडेंट डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

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