Itihas Aur Vichardhara : Khalsa Ke Teen Sau Sal

Translator: Naresh Nadeem
Edition: 2001, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Itihas Aur Vichardhara : Khalsa Ke Teen Sau Sal

प्रोफ़ेसर जे.एस. ग्रेवाल और प्रोफ़ेसर इंदु बंगा द्वारा सम्पादित यह पुस्तक भारत के सामान्य इतिहास के सन्दर्भ में सिख पंथ के इतिहास को स्थापित करके खालसा की त्रिशताब्दी मनाने का एक प्रयास है। इस पुस्तक में संकलित लेख 1935 में उसकी स्थापना के बाद से भारतीय इतिहास कांग्रेस के वार्षिक सत्रों में प्रस्तुत लेखों में से चुने गए हैं। ये 18वीं से 20वीं सदी तक के सिख इतिहास के सभी प्रमुख चरणों को समेटते हैं। ये विश्व के प्रमुख सार्वभौम धर्मों में एक, सिख धर्म के विकास को उजागर करते हैं और इसके लिए उन समृद्ध धाराओं को स्पष्ट करते हैं जो भारत की समन्वित राष्ट्रीय धरोहर में सिखों के सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक इतिहास के योगदान की उपज रही हैं।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2001
Edition Year 2001, Ed. 1st
Pages 232p
Translator Naresh Nadeem
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Author: J.S. Grewal

जे.एस. ग्रेवाल

गुरुनानक देव विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफ़ेसर और उसके कुलपति रह चुके हैं। आप भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के निर्देशक भी रहे हैं। ‘गुरुनानक इन हिस्ट्री’ (1969), ‘सिक्ख ऑफ़ द पंजाब’ (1990) आपकी प्रमुख रचनाएँ हैं।

 

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