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Hindi Sahitya Ka Itihas Punarlekhan Ki Avashyakta

Author: Pukhraj Maroo
Edition: 2023, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Hindi Sahitya Ka Itihas Punarlekhan Ki Avashyakta

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आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी साहित्य-लेखन की रामकथा के वाल्मीकि हैं, कोई भी साहित्येतिहासकार उनकी उपेक्षा नहीं कर सकता। यह कहना अनुचित न होगा कि आदिकाल, भक्तिकाल और रीतिकाल की जैसी रंगारंग और जीवित पारदर्शियाँ हमें उनके इतिहास में मिलती हैं, वैसी आधुनिक साहित्य के बारे में नहीं मिलती हैं। इस दृष्टि से हिन्दी साहित्येतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता महसूस की जाती है।

इसके अलावा शुक्ल जी के बाद कई दशकों में फैला तकनीक क्रान्ति, और संचार तथा सूचनाओं का विस्फोटक दौर हमारे सामने है। इन वर्षों का हिन्दी साहित्य भाषा की दृष्टि से, अनुभव की दृष्टि से, ज्ञान की दृष्टि से अत्यन्त विविध और सम्पन्न साहित्य है। सभ्यता, संस्कृति और विश्व-साहित्य के संगम-काल के इस साहित्य का विवेचन और दस्तावेज़ीकरण भी अब एक बड़ी आवश्यकता है।

यह पुस्तक ऐसे ही अन्य घटकों पर भी नज़र डालती है जो साहित्येतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। साथ ही इसमें इतिहास-लेखन के अब तक के इतिहास के हर चरण को विस्तार से विवेचित किया गया है जो अध्येताओं और विद्यार्थियों के लिए विशेष पठनीय है। आचार्य शुक्ल लिखित इतिहास के बाद हिन्दी में साहित्येतिहास-लेखन के जो अन्य प्रयास हुए उनका विशद विश्लेषण और तथ्यगत जानकारी भी दी गई है। आधुनिक हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं, और इतिहास-लेखन की दृष्टि से उनका मूल्यांकन भी लेखक ने किया है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2013
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 248p
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Pukhraj Maroo

Author: Pukhraj Maroo

पुखराज मारू

जन्म : 6 मार्च, 1952; बाली (राजस्थान)।

शिक्षा : बी.ए. (1971), एम.ए. (1973), एल.एल.बी. (1998), संचार व पत्रकारिता स्नातक (1999), पीएच.डी. हिन्दी साहित्य (2004), एम.ए. समाजशास्त्र (2006), मानव अधिकार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (2007), पीएच.डी. समाजशास्त्र (2011)।

अभिरुचि : डॉ. मारू सांस्कृतिक अभिरुचि सम्पन्न अधिकारी रहे। छात्र जीवन से ही कला एवं संगीत में गहरी रुचि के साथ उनकी अनेक सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी रही है। उन्होंने श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फ़िल्म 'समर’ में अभिनय के साथ प्रकाश झा द्वारा निर्देशित फ़िल्म 'राजनीति’ में भी भागीदारी की है। डॉ. मारू को साहित्य, संगीत, पुरातत्त्व, नृतत्त्व-शास्त्र, विधि प्रबन्धन सहित अनेक क्षेत्रों में विशिष्टता प्राप्त है।

कार्य : भारतीय प्रशासनिक सेवा के मध्य प्रदेश संवर्ग के 1980 बैच के कलेक्टर, संभागायुक्त आदि पदों पर कार्य करते हुए सेवानिवृत्‍त।

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