Hind Mahasagar Ka Sanskritik Itihas

Author: Gopal Kamal
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Hind Mahasagar Ka Sanskritik Itihas
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आसियान के देशों तथा भारतवर्ष की मैत्री पुरानी है। कितनी पुरानी? काफ़ी पुरानी है, कम-अज-कम चार हज़ार वर्षों का इतिहास तो बता ही सकते हैं। संस्कृति के स्तर पर। कलाकृतियों एवं व्यापार में भँजाई हुई चीज़ों के स्तर पर। क्या इन देशों के पुराने इतिहास से नए सम्बन्ध गहरा करने में मदद मिलेगी? तो हिन्द महासागर की इस इकाई को केवल भौगोलिक एकरूपता के लिए जानेंगे। अन्तर्सम्बन्धों की जाँच-पड़ताल में अनेकानेक बिन्दु उभरते हैं।

इस पुस्तक में नई किताबों नए शोधों को आत्मसात् किया गया है। नेचर, साइंस एवं साइंटिफ़िक अमेरिकन में परिपक्व शोधों के आधार पर, भाषाओं के अन्तर्द्वन्द्व को ठोस वस्तुओं, लेखों-शिलालेखों एवं प्रशस्तियों को इतिहास के परिप्रेक्ष्य में रखा गया है। भारतीय इतिहास लेखन में भी स्वतंत्रता आन्दोलन के ‘भारतीयपन’ को पिछली सीट दी जाने लगी है। मार्क्सीय लेखन में वस्तुपरकता एवं चीज़ों के आधार पर सम्बन्धों की परख शुरू हुई है। नए इतिहासकार ‘लोकल’ तथा ‘सब आल्टर्न’ को समझते हैं। इन सबकी ब्योरेवार तो नहीं किन्तु पूरी नई समीक्षा की गई है।

हीगेल, वाल्तेयर ‘इतिहास के दर्शन’ को समझाते हैं तथा इसे धर्म तथा धार्मिक मान्यताओं से अलग भी करते हैं। वे दोनों ‘इतिहास का दर्शन’ एवं ‘दर्शन का इतिहास’ में दिलचस्पी रखते हैं तथा इतिहास को रीजन से संचालित मानते हैं। उसी परम्परा में एक वैज्ञानिक ईमानदार प्रयास।

—भूमिका से

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2012, Ed. 2nd
Pages 447p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2.5
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Gopal Kamal

Author: Gopal Kamal

गोपाल कमल

भारतीय राजस्व सेवा, आयकर आयुक्त, नई दिल्ली।

शिक्षा : एम.एस.सी. (भौतिकी), पी-एच.डी. (भौतिकी), एल.एल.बी., विद्या वाचस्पति।

प्रकाशित पुस्तकें : प्रपंच कन्या, पंच कन्या (भारतीय दर्शन के लिए एक उपन्यास परिचय), तीव्र गांधार (विज्ञान, दर्शन, मिथकों, किंवदंतियों एवं संस्कृति पर निबन्ध)।

प्रकाशित आलेख : 1. शुल्व सूत्र के समय में भारतीय गणित, प्रज्ञा भारती के.पी. जायसवाल अनुसंधान केन्द्र, पटना। 2. बोरोबुदुर के सम्मेलन की कार्यवाही में छपा ‘हिडेन बेस ऑफ बोरोबुदुर’ जकार्ता, इंडोनेशिया। 3. इन्कम टैक्स विभाग के सरकारी प्रकाशन, लेट अस शेयर भाग-1 तथा 2।

लेखों एवं कविताओं का अन्य भारतीय भाषाओं बांग्ला, मलयालम आदि में अनुवाद।

शीघ्र प्रकाश्य : कॉटन टेक्सटाइल्स ट्रेड इन इंडियन ओशन सोसाइटिज : हिस्ट्री ऑफ कॉटन ट्रेड।

ड्रामा/स्टेज : पुरखों का जातक (हिन्दी) आइ.जी.एन.सी.ए., नई दिल्ली। भारतीयों जिप्सियों के यूरोप में बसने की, छह परनानी की कहानी।

संगोष्ठी-सहभागिता : 1. संस्कृत इन मॉडर्न कोन्टेक्स्ट (केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद) 2. हिडेन फेस ऑफ बोरोबुदुर (बोरोबुदुर, इंडोनेसिया) 3. हेरिटेज टूरिज्म (मुम्बई विश्वविद्यालय, मुम्बई) 4. दक्षिण पूर्व एशिया का इतिहास (सी-इमेज, संचार महाविद्यालय, पटना)।

भारत में तथा विदेशी सम्मेलनों में अन्तर्राष्ट्रीय कराधान और भारतीय विद्या को सार्वजनिक व्याख्यान के रूप में अच्छी तरह से व्याख्यायित किया। भारतीय कला और सौन्दर्यशास्त्र पर विभिन्न संग्रहालयों, पटना, दिल्ली आदि पर व्याख्यान।

आयकर के काम को पी.एम. एवार्ड 2009 के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा प्रस्तावित। शोध के लिए नलसर, विधि विश्वविद्यालय हैदराबाद में छात्रों को गाइड किया।

विशेष : पूर्व वैज्ञानिक, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, मुम्बई। ‘पंच कन्या’ के लिए अन्तर्राष्ट्रीय इम्पॅक लिटरेरी डब्लिन एवार्ड 2003 के लिए नामांकन। भारतीय विद्या भवन, मुम्बई के भवन्स बुक युनिवर्सिटी शृंखला का प्रकाशन।

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