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Gandi Baat

Author: Kshitiz Roy
Edition: 2018, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Gandi Baat

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एक लड़का था—कुछ लोफर, लफुआ, दीवाना-सा! जिसका दिल था नए रैपर में वही पुराना—शहीदाना। शहर पटना पूरा अपना लगे उसे!

लड़की थी अलबेली-सी, सोचने का कारख़ाना, हिम्मत की एनीटाइम लोडेड गन जैसी, पुरानी जीन्स और एकदम नया गाना!

दिल्ली शहर में मौसम था अन्ना आन्दोलन का,

चुनाव के घुमड़ रहे थे बादल।

डेजी आई पढ़ने एलएसआर में। बन गई ड्रमर।

गोल्डन आया डेजी के पीछे बावला। बन गया ड्राइवर।

दोनों थे ख़ालिस ग़ैर-राजनीतिक युवा।

 

पढ़िए उन्हीं के घोर राजनीतिक रोमांस की दिलचस्प दास्ताँ, जिसमें उनकी निजता में शहर, समाज और परिस्थितियाँ दे रही हैं बराबरी से दख़ल...जहाँ कुछ भी नहीं है निश्चित और अनिश्चित ही है उनका

सबसे बड़ा रोमांस...

                 

जिसे कहते हैं सब गंदी बात,

क्या होती है वाक़ई वह

गंदी-सी कोई बात!

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Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 2nd
Pages 136p
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Kshitiz Roy

Author: Kshitiz Roy

क्षितिज रॉय

बिहार के सहरसा ज़‍िले में 1993 में जन्मे। नेतरहाट स्कूल में हाई स्कूल तक की पढ़ाई की। उसके बाद की पढ़ाई डीपीएस (आर.के.पुरम), किरोड़ीमल कॉलेज और डी स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स, नई दिल्ली से पूरी की। ननिहाल में किताबों से इश्क़ हुआ, कॉलेज कैम्पस में लिखने से। विशेष लगाव इतिहास से रखते हैं। अपने इर्द-गिर्द पसरे किरदारों को कहानियों में समेटने की बेचैनी में जीते हैं, और उन्हें परदे पर उतारने की भी। ख़ुद की बनाई लघु फ़‍िल्में अपने You Tube चैनल MCBC पर अपलोड करते रहते हैं। इनकी लिखी कुछ कहानियाँ नीलेश मिसरा ने अपने रेडियो शो ‘याद शहर’ में सुनाई हैं।

 

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