Fatehpur Sikri : Udbhav Vikas Evam Nagriya Sanrachna

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Fatehpur Sikri : Udbhav Vikas Evam Nagriya Sanrachna

फतेहपुर की नगरीय संरचना और उसके राजनैतिक महत्व को इतिहास की दृष्टि से देखने-परखने के उद्देश्य से लिखी गयी यह पुस्तक अत्यंत प्रासंगिक है। इस पुस्तक में अकबर के नगरीय-बोध, स्थापत्य संबंधी रुचि और विकास की अवधारणा को लेकर कई उल्लेखनीय स्थापनाएं की गयी हैं। अकबर ने फतेहपुर सीकरी का निर्माण सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के प्रति आदर प्रकट करने के उद्देश्य से कराया था लेकिन फतेहपुर सीकरी अकबर के लिए रणनीतिक, राजनीतिक और वैचारिक रूप से भी हितकर था। असल में सीकरी अजमेर और आगरा के बीच एक गलियारे के रूप में स्थित था। इस दृष्टिकोण से देखें तो गंगा घाटी में पड़ने वाले मैदानों की ओर प्रसार करने की योजना के लिए यह अत्यंत उपयुक्त था। इतना ही नहीं फतेहपुर सीकरी में महलों के बीच बनी मस्जिद में सूफी संत शेख सलीम चिश्ती का मकबरा बनाकर अकबर राजनीतिक और आध्यात्मिक सत्ता का परस्पर समन्वयन संयोजन करने में भी कामयाबी हासिल की।
अकबर ने अपनी राजधानी फतेहपुर सीकरी से वापस कर ली और फिर वहां कभी भी राजधानी नहीं बनायी। जिस नगर से बेपनाह मोहब्बत हो और जो दुनिया के महानतम नगरों में से एक हो, उससे विरक्ति का भाव पैदा होना विचार का विषय है। इस पर डॉ अनिल कुमार यादव ने गंभीरतापूर्वक कलम चलायी है।

कुमार वीरेन्द्र

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 196p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Anil Kumar Yadav

Author: Anil Kumar Yadav

डॉ. अनिल कुमार यादव

डॉ. अनिल कुमार यादव का जन्म सन् 1984 ई. को मऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने आरम्भिक शिक्षा नेहरू इण्टरमीडिएट कॉलेज, रतनपुरा, मऊ, स्नातक एवं परास्नातक की उच्च शिक्षा तथा डी. फिल. की उपाधि 2016 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन/ आधुनिक इतिहास विभाग से अर्जित की।

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