Cheelwali Kothi

Author: Sara Rai
Edition: 2015, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Cheelwali Kothi
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अपने कथ्य के लिए भाषा और शिल्प की भी रचना करनेवाली लेखिका हैं सारा राय। सारा राय की यह कृति एक उपन्यास होते हुए भी अपने कथ्य के वितान में एक महाकाव्य जैसी विशिष्टता समेटे हुए है जिसमें अतीत और भविष्य साथ-साथ वर्तमान में घटित हो रहे होते हैं। यह घटित होना भारतीय सामन्तवादी ढूह पर एक लड़की यानी एक स्त्री का वह सच है जिसके प्रकृति और मनुष्य दोनों गवाह हैं, फिर भी सच ऐसा रंग बदलता रहता है कि झूठ भी अपनी भूमिका में हर बार एक संजाल बन जाता है।

उपन्यास में मीनाक्षी और विक्रम के बीच की ज़मीन प्रेम की वह ज़मीन है जहाँ ‘प्रवृत्ति’ हारती है और चेतना में वह युग हावी रहता है जो न ठीक से जीने देता है और न मरने; बस रिश्ते रिसते हैं और रिसते रिश्ते वह निर्माण नहीं कर पाते, जिसे निर्माण कहा जा सके। अपने अनिर्णय-द्वन्द्व में सनद ढूँढ़ते दृश्य परम्परा, संस्कृति, सभ्यता और ज्ञान, विज्ञान, दर्शन की इस दुनिया में नाकाम प्रतीत होते हैं। इन्हीं नाकामियों में चेतना-धार की तलाश है यह उपन्यास जिसकी ज़िम्मेवारी अपने विखंडन में एक स्त्री लेती है।

इस उपन्यास की नायिका अपने अनाथ होने, गोद लिए जाने के बाद ‘आरम्भ’ और ‘युग-दर-युग’ के जिन व्यतीत-अनव्यतीत क्षणों में सृजन का सत्त्व रचती है, उससे स्त्री-विमर्श हो या दलित-विमर्श—समय एक क़दम आगे घटित होता है—और मिथक ध्वस्त होते हैं, सत्ताएँ हिलती हैं। ‘चीलवाली कोठी’ क़लम के ‘विजन’ और ‘मिशन’ का उदाहरणों में एक उदाहरण है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 184p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Sara Rai

Author: Sara Rai

सारा राय

सारा राय समकालीन हिन्दी कथाकार हैं। उनका जन्म 15 सितम्बर, 1956 को हुआ। उनके तीन कहानी-संग्रह ‘अबाबील की उड़ान’, ‘बियाबान में’, ‘भूलभुलैयाँ और अन्य कहानियाँ’ और एक उपन्यास ‘चीलवाली कोठी’ प्रकाशित हैं।

उन्होंने हिन्दी, अंग्रेज़ी और उर्दू में कई किताबों के अनुवाद और सम्पादन किए हैं। उनकी अनूदित और सम्पादित पुस्तकों में ‘कज़ाकी एंड अदर मार्वेलस टेल्स’ (प्रेमचन्द), ‘हिन्दी हैंडपिक्ड फ़ि‍क्शन्स’, ‘द गोल्डेन वेस्ट चेन’ शामिल हैं। उन्होंने शिवरानी देवी की ‘प्रेमचन्द घर में’ और कथा-संग्रह ‘कौमुदी’ का सम्पादन किया है। मुग़ल महमूद और ज़हरा राय के कहानी-संग्रह ‘महलसरा का एक खेल और अन्य कहानियाँ’ का भी सम्पादन किया। 

सारा राय द्वारा (अरविन्द कृष्ण मेहरोत्रा के साथ) अनूदित विनोद कुमार शुक्ल के कथा-संग्रह ‘ब्लू इज़ लाइक ब्लू’ को 2019 में ‘अट्टा गलट्टा पुरस्कार’ और 2020 में ‘मातृभूमि पुरस्कार’ मिला। योहाना हान द्वारा किए गए सारा की कहानियों के जर्मन अनुवाद ‘इम लैबिरिंथ’ को 2019 का ‘फ़्राइडरिख़ रुकर्ट पुरस्कार’ प्राप्त हुआ है। 2020 में इसी पुस्तक को फ़्रैंकफ़र्ट के ‘वेल्टेम्पफांगर पुरस्कार’ के लिए भी नामज़द किया गया।

ईमेल : sararai11@gmail.com

 

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