भारत में लोककथाओं की पुरानी परम्परा रही है। कुछ वर्षों पूर्व तक वह श्रुति साहित्य के रूप में प्रचलन में था लेकिन हाल के वर्षों में विभिन्न अंचलों की लोककथाओं को संग्रहीत कर पुस्तकाकार रूप दिया जा रहा है। यह पुस्तक भी उसी की एक कड़ी है। इसमें ‘चम्पा और केतकी’, ‘अभागिन सौभागिन’, ‘राजा का सपना’, ‘व्यापारी’, ‘बुरे कर्म का बुरा फल’ जैसी छोटानागपुर की प्रसिद्ध लोककथाएँ संकलित की गई हैं।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2016
Edition Year 2016, Ed. 1st
Pages 20p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 28 X 22.5 X 0.3
Write Your Own Review
You're reviewing:Champa Aur Ketaki
Your Rating

Author: Pramod Kumar Pathak

प्रमोद कुमार पाठक

प्रमोद कुमार पाठक लोककथाओं के लेखन में सिद्धहस्त हैं। बच्चों के लिए उन्होंने कई मनोरंजक और शिक्षाप्रद पुस्तकों का लेखन-संपादन किया है।

Read More
Books by this Author
Back to Top