संजय झाला 1 मई, 1972 को दौसा (राजस्थान) में जन्म। राजस्थान विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद से साहित्य रत्न। राजस्थान के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में प्रवर्तन निरीक्षक के पद पर कार्यरत। प्रथम व्यंग्य-संग्रह 'सूर्पनखा की नाक' प्रकाशित। हास्य-व्यंग्य पर स्वतंत्र शोध। हास्य-व्यंग्य कवि के रूप में ख्याति प्राप्त। काव्य-मंचों से अभिनय-मिश्रित शैली के नये अवयवों के प्रयोग हेतु चर्चित। विभिन्न टी.वी. चैनलों पर अनेक बार हास्य-व्यंग्य रचनाएँ प्रसारित। कई टी.वी. चैनलों के लिए विशेष कार्यक्रमों का निर्माण, पटकथा-लेखन, वृत्तचित्र-लेखन एवं संचालन। राजस्थान पत्रिका के स्तम्भ 'पोस्टमार्टम' में नियमित व्यंग्य-लेखन। राजस्थान सरकार के खाद्य विभाग की त्रैमासिक पत्रिका 'उपभोक्ता मंगल' का कुछ समय संपादन।