Bhartiya Samaj Kranti Ke Janak Mahatma Jotiba Phule

Author: M. B. Shah
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Bhartiya Samaj Kranti Ke Janak Mahatma Jotiba Phule

भारतीय समाज-क्रान्ति के जनक महात्मा जोतिबा फुले को समूचे महाराष्ट्र में सम्मान के साथ 'जोतिबा' कहा जाता है।

कोल्हापुर के पास ही एक पहाड़ी पर देवता जोतिबा का मंदिर है। इन्हें जोतबा भी कहते हैं। देवता के नाम में आता है 'जोत'। यह 'जोत' बहुत से मराठों का कुल-देवता है। 'जोतबा' देवता का उत्सव था उस दिन, जब महात्मा फुले का जन्म हुआ, इसी से उनका नाम 'जोतिबा' रखा गया। भारतीय समाज के महान चरित नायक जोतिबा ने क्रान्ति का बीज बोया। दलितों के उत्थान के लिए संघर्ष किए, जिसके कारण उन्हें अपने ही समाज में प्रताड़ित होना पड़ा, परन्तु सत्य ही उनका सम्बल था। उन्हें समाजद्रोही और धर्मद्रोही कहा गया, लेकिन इस विद्रोही संन्यासी को कोई झुका नहीं सका।

अन्ततः जोतिबा को सफलता मिली। उनके जुझारू व्यक्तित्व और आत्मविश्वास से गूँजती हुई आवाज़ ने सोए हुए महाराष्ट्र को जगा दिया। वह श्रेष्ठ वक्ता तो थे ही, साहित्य-रचना में भी अपना विशेष स्थान रखते थे।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1992
Edition Year 2022, Ed. 5th
Pages 107p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Author: M. B. Shah

डॉ. म.ब. शहा

 

पूरा नाम : मुरलीधर बंसीलाल शहा।

जन्म : 31 अक्टूबर, 1937

कृति सन्दर्भ : हिन्दी निबन्धों का शैलीगत अध्ययन, समय सुन्दर कृत मृगावती चऊपई, सन्त योद्धा सेनापति बापट, विचार तीर्थ, हिन्दू समाज संगठन और विघटन (अनुवाद), मातृधर्मी साने गुरुजी (अनुवाद), अद्वितीय राजा शिवाजी (अनुवाद), संवाद रूप शामची आई, बालकवि आणि मी (सम्पादित), रसीदी टिकट (अनुवाद), खानदेशचे गांधी : बालुभाई मेहता (पुरस्कृत), अप्रकाशित वेडिया नागेश; राष्ट्रीय, एकात्मता का भव्य स्वप्न, तुलसीदास के अज्ञात शिष्य, अनुवाद विज्ञान।

हिन्दी और मराठी दोनों भाषाओं में समान रूप से लेखन तथा अनुवाद।

एस.एस.वी.पी. के आर्ट्स एवं कॉमर्स कॉलेज, धुलिया (महाराष्ट्र) के स्नातकोत्तर केन्द्र में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे हैं।

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