Betal Pachisi

Author: Shriprasad
Edition: 2022, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
As low as ₹149.25 Regular Price ₹199.00
25% Off
In stock
SKU
Betal Pachisi
- +
Share:

भारतीय लोकजीवन में क़िस्सागोई की परम्परा काफ़ी पुरानी है। लगभग उतनी ही पुरानी जितनी मानव सभ्यता के नागरिक विकास की कहानी है। नागरिक सभ्यता के विकास के बाद मनुष्यों में नैतिक-बोध एवं जीवन-मूल्यों की स्थापना के लिए ही क़िस्सागोई के माध्यम से नैतिक-शिक्षा से सम्बन्धित कहानियों के वाचन की परम्परा विकसित हुई होगी।

‘बेताल पचीसी’ भी उसी विरल क़िस्सागोई का अन्यतम उदाहरण है। ये कहानियाँ न सिर्फ़ मनोरंजक, रोचक और रोमांचक हैं बल्कि एक तरह की नैतिक-शिक्षा भी प्रदान करती हैं। ख़ासकर किशोर उम्र के पाठकों के मन में नैतिकता और नागरिक मूल्य-बोध के विकास में ये कहानियाँ बेहद सफल हैं और उनके स्वस्थ मनोरंजन का साधन भी।

डॉ. श्रीप्रसाद ने इन कहानियों को बेहद रोचक भाषा और प्रवाह में प्रस्तुत किया है। ऐसे दौर में जबकि टी.वी. चैनलों की अश्लीलता अपने चरम पर है, आशा की जानी चाहिए कि ये कहानियाँ किशोर पाठकों का स्वस्थ मनोरंजन करेंगी और उन्हें नैतिक जीवन-मूल्यों की तरफ़ अग्रसर होने को प्रेरित भी।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2004
Edition Year 2022, Ed. 2nd
Pages 95p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Betal Pachisi
Your Rating

Author: Shriprasad

श्रीप्रसाद

श्रीप्रसाद का जन्म 5 जनवरी, 1932 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

प्रख्यात बाल साहित्यकार श्रीप्रसाद ने बच्‍चों के लिए पाँच सौ से अधिक कहानियों और पाँच हजार से अधिक कविताओं व नाटकों का सृजन किया। बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू से अनेक कविताओं तथा कहानियों के अनुवाद भी किए।

उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं–‘मेरा साथी घोड़ा’, ‘खिड़की से सूरज’, ‘आ री कोयल’, ‘तक धिनाधिन’, ‘गुड़िया की शादी’, ‘गीत ज्ञान विज्ञान के’ (बाल काव्य-संग्रह); ‘रेल की सीटी’, ‘पिकनिक और अन्य कहानियाँ’, ‘कागज की नाव’, ‘समय के पंख’, ‘बेताल पचीसी’ (बाल कहानी-संग्रह); ‘कृष्‍ण कथा’, ‘गुड्डे का जन्मदिन’, ‘एक थाल मोती से भरा’, ‘ढोल बजा’, ‘पंचतंत्र के नाटक’ (बाल नाटक-संग्रह); ‘शाबाश श्‍यामू’, ‘अंतू की आत्मकथा’ (बाल उपन्यास); ‘बनारस से बल्गारिया : मेरी डायरी’ (यात्रा-वृत्तांत)।

उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्‍थान के ‘बाल साहित्य भारती सम्मान’ सहित अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित।

निधन : 12 अक्टूबर, 2012; वाराणसी।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top