Balrang

Author: Rekha Jain
Edition: 2024, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Balrang

भारत के कई प्रदेशों और हिन्दी अंचल में पिछले कुछ बरसों में बाल रंगमंच का तेज़ी से विस्तार हुआ है। इस विस्तार का पर्याप्त वैचारिक और तथ्यपरक सर्वेक्षण अभी तक नहीं हो पाया है। दिल्ली की नाट्यसंस्था ‘उमंग’ की रजत जयंती पर ऐसा आकलन करने का एक प्रयत्न है यह पुस्तक। हिन्दी में पहली बार बाल रंगमंच को लेकर वैचारिक विमर्श, रंगपद्धतियों और गतिविधियों, बाल रंग संस्थाओं और ‘उमंग’ के पच्चीस वर्ष पर सामग्री एकत्र की गई है। इसमें हिन्दी अंचल के अलावा पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और मणिपुर के भी बाल रंगमंच पर उपयोगी जानकारी संकलित की गई है।

विष्णु प्रभाकर, नेमिचन्द्र जैन, ब.व. कारंत, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, नरेन्द्र शर्मा, बंसी कौल, भानुशंकर मेहता, गिरीश रस्तोगी, ललित मोहन थपलियाल, देवेन्द्रराज अंकुर, प्रेमा कारंत, हरेकृष्ण देवसरे, अलखनन्दन, महेश आनन्द, सुषमा सेठ, मलयश्री हाशमी आदि को बाल रंगमंच के सिलसिले में एक पुस्तक में पाने का यह शायद पहला अवसर है...दुर्लभ तो है ही।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2006
Edition Year 2024, Ed. 2nd
Pages 250p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 24.5 X 16 X 2
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Author: Rekha Jain

रेखा जैन

रेखा जैन का जन्म 28 सितम्बर, 1924 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ। वे बाल नाटककार, निर्देशक, लोकसंगीत विशेषज्ञ के रूप में प्रसिद्ध रहीं। 1944 से 47 तक जननाट्य संघ के केन्द्रीय नृत्य-दल की प्रमुख नर्तकी रहीं। 1956 से दिल्ली चिल्ड्रेन्स थिएटर इंस्टीट्यूट में बाल नाट्य का प्रशिक्षण।

उनकी प्रक​शित कृतियाँ हैं—खेल खिलौनों का संसार, दीवाली के पटाखे, गणित देश, कौन बड़ा कौन छोटा, सच्चा पारखी, नटखट कृष्ण और अन्य नाटक (बाल नाटक); संगीत की कहानी, हमारे लोकनृत्य (अन्य)।

1965 से 67 तक ‘धर्मयुग’ में ग्रामोफोन रिकार्डों की समीक्षक। लोकगीत, संगीत तथा नृत्य पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख लिखे। लगभग अस्सी बाल नाटकों का मंचन तथा टेलीविजन पर निर्देशन-प्रस्तुतीकरण; लखनऊ, आगरा, भिलाई, गोरखपुर, उज्जैन, भोपाल, इम्फाल, बेंगलूर में बाल-नाट्य शिविरों का संचालन किया। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन पर अनेक लोकगीत-संगीत आधारित रूपकों का प्रस्तुतीकरण।  विख्यात बाल-नाट्य संस्था ‘उमंग’ की संस्थापक और निर्देशक तथा महिला संगठन ‘कल्याणी’ की संस्थापक-सचिव रहीं। बाल नाट्य विशेषज्ञ के रूप में युगोस्लाविया, बलगारिया, सोवियत संघ, पूर्वी जर्मनी, इंग्लैंड, अमरीका और फ्रांस आदि देशों की यात्राएं कीं।

उन्हें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादेमी, साहित्य कला परिषद्, दिल्ली, दिल्ली नाट्य संघ, रोटरी क्लब, दिल्ली; साहित्यकार सम्मान, हिन्दी अकादेमी, दिल्ली और 2006 में संगीत नाटक अकादेमी सम्मान से सम्मानित किया गया।

सन् 2010 में उनका निधन हुआ।

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