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Asthi Phool

Author: Alpana Mishra
Edition: 2019, 1st Ed.
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Asthi Phool

यह उपन्यास आन्दोलन और स्त्री के बिकने के बारे में है। झारखंड की राजनीतिक-सामाजिक पृष्ठभूमि में जंगल और ज़मीन के सरोकारों को रेखांकित करते हुए अल्पना मिश्र यहाँ उन स्त्रियों की पीड़ा का बखान कर रही हैं जिन्हें हरियाणा जैसे सम्पन्न इलाक़ों में, जहाँ पुरुषों के मुक़ाबले स्त्रियों की संख्या बहुत कम हो गई है, बेच दिया जाता है। उनका भी इस्तेमाल यहाँ पुरुषों की उत्पत्ति के लिए ही किया जाता है, गर्भ में लडक़ी हो तो उससे पैदा होने से पहले ही निजात पा ली जाती है। अपने गर्भ पर स्त्री का कोई अधिकार नहीं, ठीक वैसे ही जैसे आदिवासियों को उनके उन जंगलों की सम्पदा पर कोई अधिकार नहीं, जिन्हें वे जाने कितनी पीढ़ियों से अपना घर मानते आए हैं। स्त्री-गर्भ यहाँ पृथ्वी के भीतर छिपी खनिज सम्पदा के दोहन का रूपक बनकर आता है। उपन्यास में उस राजनीति को भी बेनक़ाब किया गया है जो आदिवासी-अधिकारों की पैरवी के बहाने अपनी जड़ें फैलाने पर लगी है। यह पूर्णतया राजनीतिक-सामाजिक उपन्यास है, और वह भी एक महिला कथाकार की संवेदनशील क़लम से उतरा हुआ। उपन्यास में उस परिवेश को भी पकड़ने की कोशिश की गई है जहाँ दूसरे पात्र अपने जीने का संघर्ष कर रहे हैं। वहाँ की शब्दावली, भाषा-भंगिमा और लोकगीतों के प्रयोग से कथा का ताना-बाना विशेष प्रामाणिकता हासिल कर लेता है।

अल्पना मिश्र ने अपने अभी तक के लेखन से आलोचकों और पाठकों के बीच अपनी एक विशिष्ट जगह बनाई है, यह कृति उसे एक और आयाम तथा एक रचनात्मक उछाल देती है।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2019
Edition Year 2019, 1st Ed.
Pages 288p
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Alpana Mishra

Author: Alpana Mishra

अल्पना मिश्र

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), पीएच.डी. (बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी)।

प्रकाशित रचनाएँ : ‘भीतर का वक़्त’, ‘छावनी में बेघर’, ‘क़ब्र भी क़ैद औ' ज़ंजीरें भी’ (कहानी); ‘अन्हियारे तलछट में चमका’ (उपन्यास); ‘कहानियाँ रिश्तों की : सहोदर’ (सम्पादन)।

कहानियाँ, कविताएँ, समीक्षाएँ एवं लेख अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कुछ कहानियाँ पंजाबी, बांग्ला, कन्नड़, अँग्रेज़ी, मलयालम, जापानी, रूसी आदि भाषाओं में अनूदित।

कुनूर विश्वविद्यालय, केरल; केरल विश्वविद्यालय, केरल; इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद; हिन्दी विद्यापीठ, त्रिवेन्द्रम; अवध विश्वविद्यालय, फ़ैज़ाबाद आदि देश के अनेक विश्वविद्यालयों में बी.ए. तथा एम.ए. के पाठ्यक्रम में कहानियाँ शामिल।

सम्मान : ‘शैलेश मटियानी स्मृति कथा सम्मान’, ‘परिवेश सम्मान’, ‘राष्ट्रीय रचनाकार सम्मान’, ‘शक्ति सम्मान’, ‘प्रेमचन्द स्मृति कथा सम्मान’ तथा ‘भारतीय भाषा परिषद’, कोलकाता द्वारा सम्मानित।

सम्प्रति : एसोशिएट प्रोफ़ेसर, हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय।

 

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