Adhoore Swangon Ke Darmiyan

Edition: 2020, 1st Ed.
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Adhoore Swangon Ke Darmiyan
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नई पीढ़ी के अनिवार्य कवि सुधांशु फ़िरदौस की कविताओं की दुनिया ने अपने बनने के लिए जो रंग चुने हैं, उनमें प्रतीक्षा का रंग सबसे गहरा है। ‘अधूरे स्वाँगों के दरमियान’ में समाई कविताओं में प्रतीक्षा और धैर्य के अमर बिम्ब हैं, प्रेम और स्वप्न के भी। इन कविताओं की आधुनिकता एक चिन्तित नागरिक के अकेलेपन, अपराध-बोध और उदासियों से जुड़ी है। इनमें लोक तथा परम्परा की नव-निर्मितियाँ हैं और एक उम्र से एक उम्र की तरफ़ बढ़ती हुई यात्राएँ। चूँकि यह संग्रह तब आ रहा है, जब कवि ने अपना स्वर पा लिया है—इसलिए इसमें वे सारी उधेड़बुनें और बेचैनियाँ; वे सारे सरोकार और इन्तज़ार पाए जा सकते हैं जो एक जगह से दूसरी जगह जाने के सफ़र में सामने आए। इस कविता-संग्रह में कवि ने अपना अब तक का कुछ भी छोड़ा नहीं है, बल्कि वह सब कुछ जोड़ दिया है जिससे हमारा आज का कवि और कवि-समय बनता है।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2020
Edition Year 2020, 1st Ed.
Pages 152P
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
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Sudhanshu Firdaus

Author: Sudhanshu Firdaus

सुधांशु फ़िरदौस

सुधांशु फ़िरदौस का जन्म 2 जनवरी, 1985 को बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के सिंगाही गाँव में हुआ। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक और जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से गणित और कम्‍प्यूटर साइंस में परास्नातक। फ़िलहाल शोधरत एवं बेगूसराय के एक कॉलेज में गणित का अध्यापन। विभिन्न पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित। यह उनकी पहली किताब है; ‌आजकल नाट्य-लेखन के साथ एक उपन्यास पर भी काम कर रहे हैं।

 

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