Aalochana Ka Sach

Author: Ganesh Pandey
Edition: 2015, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Aalochana Ka Sach

कवि-आलोचक गणेश पाण्डेय की आलोचना का रंग अलग है। एक ख़ास तरह की निजता गणेश पाण्डेय की आलोचना की पहचान है। उनकी आलोचना नए प्रश्न उठाती है। उनकी आलोचना साहित्यिक मुक्ति की बात करती है। यह पहली बार है। ‘आलोचना का सच’ कविता की पहुँच की समस्या पर तो विचार करती ही है, कवि और आलोचक के ईमान और साहस को भी कविता और आलोचना की कसौटी पर परखती है। इनके लिए आलोचना का अर्थ उसके पाठक-केन्द्रित और रचना-केन्द्रित होने में निहित है। यह आलोचना समकालीन आलोचना से गम्भीर असहमति रखती है। गणेश पाण्डेय की आलोचना एक अर्थ में समकालीन आलोचना का प्रतिपक्ष है। मुहावरे सिर्फ़ कविता में ही नहीं बनते हैं, एक ईमानदार आलोचक अपनी आलोचना का मुहावरा ख़ुद गढ़ता है। गणेश पाण्डेय अपनी आलोचना का मुहावरा ख़ुद बनाते हैं। आलोचना की सर्जनात्मक भाषा का जो प्रीतिकर वितान खड़ा करते हैं, बिलकुल नया है और हमारे समय की निर्जीव आलोचना को नई चाल में ढालने का काम करते हैं। गणेश पाण्डेय की यह पुस्तक समीक्षाओं का जखीरा नहीं है, बल्कि पुस्तक समीक्षाओं के आतंक और आलोचना के नाम पर ठस अपठनीय गद्य से पाठक को मुक्त करने की एक दिलचस्प और यादगार कोशिश है।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 224p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
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Ganesh Pandey

Author: Ganesh Pandey

गणेश पाण्डेय


जन्म : 13 जुलाई, 1955 को तेतरी बाज़ार, सिद्धार्थनगर (तत्कालीन जनपद बस्ती)।

शिक्षा : आरम्भिक शिक्षा वहीं और आसपास। उच्च शिक्षा के लिए गोरखपुर आगमन। गोरखपुर विश्वविद्यालय से हिन्‍दी में एम.ए. की उपाधि और यहीं से 'आठवें दशक की हिन्दी कहानी में ग्रामीण जीवन' विषय पर डाक्टरेट |

जीविका की शुरुआत में कुछ वक़्त पत्रकारिता से सम्बद्ध। कुछ समय उद्योग विभाग में सहायक प्रबन्धक के रूप में सरकारी नौकरी। सन् 1987 में गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्‍दी विभाग में प्राध्यापक के रूप में नियुक्ति, सुदीर्घ सेवा के बाद प्रोफ़ेसर के रूप में यहीं से अवकाश। विश्वविद्यालय में पूर्व अधिष्ठाता छात्रकल्याण और शिक्षक राजनीति में लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लम्बे संघर्ष के फलस्वरुप यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में भी योगदान। साहित्यिक पत्रिका 'यात्रा' का सम्‍पादन। इन्टरनेट पर ब्लॉग।

प्रकाशित कृतियाँ—‘अटा पड़ा था दुःख का हाट’, ‘जल में’, ‘जापानी बुख़ार’, ‘परिणीता’ (कविता-संग्रह); ‘अथ उदल कथा’, ‘रीफ’ (उपन्‍यास); ‘पीली पत्तियाँ’ (कहानी-संग्रह); ‘आठवें दशक की हिन्‍दी कहानी’ (शोख); ‘रचना, आलोचना और पत्रकारिता’, ‘आलोचना का सच’, ‘आलोचक के नोट्स’, ‘नई सदी की कविता’ (आलोचना) प्रकाशित |

 

ईमेल : prof.ganeshpandey@gmail.com

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