Shaadi Himaqat Hai

Author: Shauqat Thanvi
Editor: Shaoib Shahid
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Shaadi Himaqat Hai
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इस किताब में शौकत थानवी की चुनिन्दा मज़ाहिया तहरीरें शामिल हैं जिसमें न केवल आपको हँसाने और गुदगुदाने का सामान है बल्कि उर्दू की मिज़ाह-निगारी से आपका तआरुफ़ भी कराती हैं।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 94p
Translator Not Selected
Editor Shaoib Shahid
Publisher Rajkamal Prakashan - Rekhta Books
Dimensions 19 X 12 X 1
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Author: Shauqat Thanvi

शौकत थानवी
शौकत थानवी उर्दू के उन चन्द कहानीकारों में गिने जाते हैं जिनकी हास्य-कहानियों ने क़ारीन के बीच ग़ैर-मामूली मक़बूलियत हासिल की। उनकी हास्यास्पद घटनाओं को दिलचस्प बनाकर पेश करने के फ़न ने पढ़ने वालों के दिल में जगह बना ली और उनकी कहानियाँ आज भी लुत्फ़ लेकर पढ़ी जाती हैं।
शौकत थानवी (मूल नाम मोहम्मद उमर) की पैदाइश 2 फरवरी, 1904 को वृन्दावन में हुई। उनकी उर्दू और फ़ारसी की शुरूआती तालीम घर पर हुई और पिता के रिटायर होने के बाद लखनऊ चले आए। यहाँ शौकत थानवी की तख़्लीक़ी सलाहियत को फलने-फूलने का मौक़ा मिला। सन् 1932 के आस-पास हास्य कहानी “स्वदेशी रेल” लिखी जिसको ख़ासी शोहरत मिली। इसी शोहरत के कारण ऑल इंडिया रेडियो में नौकरी मिल गई।
शौकत थानवी ने अपनी कहानियों में शब्दों के उलट-फेर से, लतीफों से, रिआयत-ए-लफ़्ज़ी से, मुहावरे से, इमले की बे-क़ायदगी और ज़्यादातर हास्यपूर्ण घटनाओं से हास्य पैदा किया। उन्होंने हास्य की कुल चालीस किताबें लिखीं जिनमें ‘मौज-ए-तबस्सुम’, ‘बह्र-ए-तबस्सुम’, ‘सैलाब’, ‘तूफ़ान-ए-तबस्सुम’, ‘सौतिया चाह’, ‘कार्टून’, ‘बदौलत’, ‘जोड़-तोड़’ और ‘ससुराल’ अहम हैं। इसके अलावा उन्होंने शायरी भी की, रेडियो के लिए ड्रामे भी लिखे और ‘शीश-महल’ के नाम से ख़ाकों का एक मज्मूआ भी पेश किया। आख़िरी वक़्त में वो पाकिस्तान चले गए और वहाँ भी उन्होंने रेडियो में कुछ वक़्त तक काम किया। 4 मई, 1963 को लाहौर में उन्होंने आख़िरी साँस ली।

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