Sahitya Vidhaon Ki Prakriti

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Sahitya Vidhaon Ki Prakriti
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यह पुस्तक सृजनात्मक लेखन की सभी विधाओं के मूलभूत स्वरूप, उनके अन्तःतत्त्वों और उनकी प्रकृति का प्रामाणिक विवेचन प्रस्तुत करने के क्रम में विश्व के प्रमुख समीक्षकों के दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। उपन्यास, कहानी, कविता, नाटक आदि प्रमुख साहित्यिक विधाओं ने किस प्रकार अपने स्वरूप का क्रमिक निर्माण किया है, उनकी प्रकृति में अन्तर्भूत सृजनात्मकता के आयाम किस प्रकार बदलते और जुड़ते रहे हैं तथा जातीय संस्कृति की अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में—विधाएँ किस प्रकार प्रमुख या गौण भूमिका निभाती हैं—इन सारे प्रश्नों पर विश्व के प्रमुख चिन्तकों के बीच जो भी मतभेद और सहमति के बिन्दु उपलब्ध हैं, उन्हें एक ग्रन्थ में प्रस्तुत करने का यह एक ऐतिहासिक प्रयास है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1993
Edition Year 2023, Ed. 3rd
Pages 200p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
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Devishanker Awasthi

Author: Devishanker Awasthi

देवीशंकर अवस्थी

जन्म 5 अप्रैल, 1930 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़‍िले के गाँव सथनी बाला खेड़ा में। प्रारम्भिक शिक्षा अपने गाँव तथा ननिहाल में हुई। ये 17 वर्ष की उम्र के थे तभी इनके पिता का देहावसान हो गया। बड़े होने के कारण इन्हें गम्भीर पारिवारिक स्थितियों के बीच दायित्वों का निर्वहन करते हुए अध्ययन को जारी रखना पड़ा। उच्च शिक्षा के लिए कानपुर गए। वहाँ डी.ए.वी. कॉलेज से 1953 में हिन्दी में एम.ए. (प्रथम श्रेणी) की डिग्री हासिल की और उसी वर्ष 23 अगस्त को वहीं हिन्दी विभाग में प्राध्यापक नियुक्त हो गए। 1960 में आगरा विश्वविद्यालय से आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के निर्देशन में पीएच.डी. की। 1961 से मृत्युपर्यन्‍त दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्‍दी विभाग से सम्बद्ध रहे।

प्रमुख कृतियाँ हैं : ‘आलोचना और आलोचना’, ‘रचना और आलोचना’, ‘भक्ति का सन्दर्भ’, ‘आलोचना का द्वन्द्व’, ‘अठारहवीं शताब्दी के ब्रजभाषा काव्य में प्रेमाभक्ति’, ‘कहानी विविधा’, ‘विवेक के रंग’, ‘नयी कहानी : सन्दर्भ और प्रकृति’, ‘साहित्य विधाओं की प्रकृति’ (आलोचना); ‘हमका लिख्यो है कहा’ (अवस्थी जी के नाम मित्रों के पत्र); ‘कविता—1954’ का अजित कुमार के साथ सम्‍पादन। ‘कलजुग’ पत्रिका का प्रकाशन व सम्‍पादन।

13 जनवरी, 1966 (एक सड़क दुर्घटना में) को दिल्‍ली में देहावसान।

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