Safal Udyami kaise Banain

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Safal Udyami kaise Banain

किसी उद्योग अथवा उद्यम को स्थापित या आरम्भ करना सिर्फ़ धनार्जन की मशीनें लगाना नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा कर्म है जिसकी एक सीमा अगर व्यक्तियों की निजी समृद्धि को छूती है तो दूसरी अपने देश की सीमाओं को भी लाँघकर सम्पूर्ण मानवता के कल्याण तक जाती है।

धन का सृजन करना, उसे उद्योगों में निवेश करना, दूसरों के लिए रोज़गार की उत्पत्ति  करना और अपने समाज को भौतिक सन्तुष्टि के अवसर उपलब्ध कराना, यह वह सूत्र है जो किसी भी उद्यमी को सफलता की राह पर ले जाता है। यह पुस्‍तक बताती है कि किसी भी उद्यमी की सफलता सिर्फ़ उसकी सफलता नहीं है, वह एक मानव-प्रयास की सफलता है। इस आदर्श को अपने व्यवहार में साकार करने के लिए हमें कुछ आधारभूत जानकारियाँ होना ज़रूरी है।

‘सफल उद्यमी कैसे बनें’ पुस्तक उन्हीं सब चीज़ों का ज्ञान हमें कराती है। प्रबन्धन वास्तव में क्या होता है, ग़रीब और अमीर की संज्ञाओं को हम कैसे समझें, अपने व्यक्तित्व का विकास कैसे करें, शिक्षा, परिवार और दाम्पत्य जीवन की किसी उद्यमी के जीवन में क्या भूमिका होती है, असली संकल्प-शक्ति क्या होती है, विक्रय-कला का क्या अभिप्राय है आदि बिन्दुओं की विस्तृत व्याख्या करते हुए यह पुस्तक हमें अपने देश के कुछ सफल उद्यमियों के जीवन की भी जानकारी देती है।

घनश्यामदास बिड़ला, धीरूभाई अंबानी, जय दयाल गोयनका सहित भारतीय उद्यमिता के कुछ और निर्माताओं के जीवन-दर्शन को भी लेखक बताता है।

उद्यमिता की कला और विज्ञान को समझने के लिए एक आवश्यक पुस्तक।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2009
Edition Year 2009, Ed. 1st
Pages 180p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21 X 14 X 1
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Editorial Review

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Dinanath Jhunjhunwala

Author: Dinanath Jhunjhunwala

दीनानाथ झुनझुनवाला

जन्म : 22 जनवरी, 1934; भागलपुर (बिहार)।

शिक्षा : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में औद्योगिक रसायनशास्त्र के साथ विज्ञान स्नातक (1954)।

उद्योग : झुनझुनवाला वनस्पति लि., झुनझुनवाला ऑयल मिल्स लि., झूला रिफाइनरीज़, झुनझुनवाला गैसेज प्रा.लि., झूला हर्बाकेयर्स।

सामाजिक योगदान : हिन्दू सेवा सदन अस्पताल, काशी गोशाला, रामानुज संस्कृत महाविद्यालय, श्रीराम लक्ष्मीनारायण मारवाड़ी हिन्दू अस्पताल, काशी व्यायामशाला, योग मित्र मंडल, रोटरी इंटरनेशनल, जूनियर चेम्बर्स, गीता स्वाध्याय केन्द्र, वाराणसी विकास समिति आदि में विभिन्न पदों पर सक्रिय योगदान।

विशिष्ट उपलब्धियाँ : सोसायटी ऑफ़ केमिकल इंजीनियरिंग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, काउंसिल ऑफ़ मैनेजमेंट एक्जिक्यूटिव, मुम्बई रोटरी क्लब, जूनियर चेम्बर तथा अन्य संस्थाओं द्वारा सम्मान एवं अलंकरण।

प्रमुख कृतियाँ : ‘अमृत कलश’, ‘हास्य कलश’, ‘प्रेरक चरित्र’, ‘आपका स्वास्थ्य आपके हाथ’,

‘प्रेरक प्रसंग’, ‘सफल उद्यमी कैसे बनें’।

इसके अलावा पत्र-पत्रिकाओं में समसामयिक विषयों पर दशकों तक लेखन। आकाशवाणी, दूरदर्शन, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विभिन्न क्लबों एवं सामाजिक संस्थाओं में सामाजिक विषयों पर वार्ता।

 

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