तीन वर्षों के अथक परिश्रम के उपरांत तैयार किया गया डॉ. विजयपाल सिंह का महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है–‘रीतिकालीन साहित्य कोश’। हिंदी में अद्यावधि समीक्षकों को लेकर तैयार किया गया एक दुर्लभ कोश!
प्रस्तुत कोश के अंतर्गत रीतिकालीन काव्य की प्रवृत्तियों, काव्यगत विशेषताओं पर विस्तार से विचार किया गया है।
शृंगार, नायिका भेद, विभिन्न रस, लक्ष्य एवं लक्षणग्रंथ, रीतिबद्ध, रीतिमुक्त, रीतिसिद्ध काव्य, प्रबंध मुक्तक, भाषा, शैली, अलंकार, पिंगल, शास्त्रीय शब्द संपत्ति, भक्ति, धर्म, नीति, विभिन्न संप्रदाय, साहित्यशास्त्र के आचार्य तथा शब्दकोश कला आदि अनेक विषयों से शब्द लेकर सभी दृष्टियों से इस कोश को ज्ञानवर्द्धक तथा उपयोगी बनाने के साथ-साथ लेखक ने रीतिकाल के विभिन्न पक्षों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला है।
‘रीतिकालीन साहित्य कोश’ शोध छात्रों, अध्येताओं के लिए एक अनिवार्य ग्रंथ है ।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Publication Year | 1997 |
Edition Year | 2022, Ed. 3rd |
Pages | 705p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 4 |