राजभाषा नीति-कार्यान्वयन के महत्त्वपूर्ण कार्य में वांछित योगदान करने के लिए इस आदर्श कार्य से जुड़े राजभाषा कर्मियों को बहुआयामी प्रज्ञा और क्षमता से लैस होने की आवश्यकता है। उन्हें सफल मार्गदर्शक, पर्यवेक्षक, निरीक्षक, अनुवादक, अध्यापक, संप्रेषक, समन्वयक और प्रचारक की भूमिका एक साथ निभानी पड़ती है। यूं तो वरिष्ठ और अनुभवी राजभाषा अधिकारियों का सान्निध्य कनिष्ठ राजभाषा सहकर्मियों को मिलता ही है पर तत्काल आवश्यकता होने पर एक संकलित मार्गदर्शिका अधिक सहायक होती है।
‘राजभाषा सहूलियतकार’ ऐसी आवश्यकता को पूरा करने का एक प्रयास है। आज के ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’ को ध्यान में रखकर राजभाषा एवं इसके कार्यान्वयन सम्बन्धी सभी पहलुओं को एक ही स्थान पर सहेजा गया है ताकि सभी श्रेणियों के राजभाषा कार्यान्वयनकार इससे लाभान्वित हो सकें।
राजभाषा नीति, समारोहों, पुरस्कार-योजनाओं, हिन्दी सेवी संगठनों, तकनीकी उपकरणों इत्यादि पर उपलब्ध कराई गई जानकारी राजभाषा कार्यान्वयनकारों के अतिरिक्त हिन्दी भाषा-प्रयोग से जुड़े सभी भाषाकर्मियों के लिए भी समान रूप से सहायक होगी।
निस्सन्देह ‘राजभाषा सहूलियतकार’ के प्रत्येक अध्याय के प्रत्येक शीर्षक की विषयवस्तु से हर पाठक लाभान्वित होंगे।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Publication Year | 2023 |
Edition Year | 2024, Ed. 2nd |
Pages | 504p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |