Nirala Ka Gadya Sahitya Aur Swadhinta Ki Chetna

Author: Nandita Singh
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Nirala Ka Gadya Sahitya Aur Swadhinta Ki Chetna

प्रस्तुत कृति ‘निराला का गद्य साहित्य और स्वाधीनता की चेतना' उनके मुक्त सर्जक व्यक्तित्व के विश्लेषण का एक मौलिक प्रयास है। मौलिक इस अर्थ में कि अभी तक आलोचक निराला के मुक्तिकामी काव्य व्यक्तित्व का ही विश्लेषण करते हुए उनकी हिन्दी सर्जन विचार के श्रेष्ठतम रचनाकारों की निर्मिति के प्रति ही सजग रहे हैं। निराला का सर्जक व्यक्तित्व एवं उनकी गद्य रचना की विधाएँ अभी तक अधूरी तथा अविश्लेषित पड़ी थीं। इस कृति का मूल मन्तव्य यही रहा है कि निराला के गद्य की विविध विधाओं, यथा—उपन्यास, कथा-साहित्य, निबन्ध आदि से सम्बद्ध कृतियों में उनकी अपनी मौलिकताएँ क्या रही हैं उसे रेखांकित किया जाए? निराला का सर्जक व्यक्तित्व प्रकृत्या तथा संस्कारत: मुक्तिकामी रहा है। उनके गद्य साहित्य में संस्कारत: पूरी तरह से व्याप्त उनकी मुक्तिकामिता का विश्लेषण कैसे किया जाए, इस कृति के लेखन का मुख्य प्रयोजन
है।

निष्कर्ष रूप से हम कह सकते हैं कि यह शोध-कृति मुक्तिकामी निराला के व्यक्तित्व की पूरी तरह से पहचान कराते हुए उनके गद्य सर्जक व्यक्तित्व के विविध आयामों के विश्लेषणों की पहचान से सम्बद्ध है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2012, Ed. 1st
Pages 172p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14.5 X 1.5
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Nandita Singh

Author: Nandita Singh

नन्दिता सिंह

जन्म : 20 नवम्बर, 1976
शिक्षा : हाईस्कूल से बी.ए. तक प्रथम श्रेणी;एम.ए., इलाहाबाद विश्वविद्यालय, हिन्दी विभाग से प्रथम श्रेणी तथा प्रथम स्थान। सन्1997 में दो स्वर्ण पदक प्राप्त तथा सन् 2003 में हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डी.फिल् की उपाधि प्राप्त की।
लेखन: ‘निराला के गद्य साहित्य में स्वाधीनता की चेतना’शोध-कार्य के पश्चात् स्वतंत्र लेखन तथा विविध साहित्यिक गोष्ठियों में सहभागिता। अब तक कई शोध-पत्र प्रकाशित। ‘आधुनिकता के परिप्रेक्ष्य में निराला, अज्ञेय एवं नागार्जुन की तुलनात्मक काव्यदृष्टि : एक पुनर्विचार’ विषय पर कार्य कर रही हैं।

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