Neem Ka Shahad

Author: Rajvardhan Azad
Edition: 2023, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Neem Ka Shahad

हिन्दी कविता के क्षेत्र में राजवर्धन आज़ाद का प्रवेश एक सुखद संयोग है। एक कुशल नेत्र चिकित्सक यहाँ समर्थ कवि के रूप में प्रकट हुआ है। कवि कर्म का सम्बन्ध हृदय से भी है। जो व्यक्ति मनुष्य की आँखों की रोशनी लौटाता है, वह हृदय से कितना संवेदनशील होगा इसका प्रमाण यह कविता-संग्रह है।

‘नीम का शहद’ कवि डॉ. राजवर्धन आज़ाद के अनुसार एक नवीन प्रयोगधर्मिता का उदाहरण है। अपनी भावनाओं को सूत्रों में अभिव्यक्त करना या यूँ कहें कि कम शब्दों में अधिक भावों को व्यक्त करना है—‘ज़िन्दगी है उल्फ़त/जिनकी है क़िस्मत/जिनके हैं ख़ादिम/उनकी है जन्नत।’

मुक्त छंद के कवि डॉ. आज़ाद की भावनाएँ सूक्ष्म हैं। कविता के केन्द्र में मनुष्य का जीवन है। विभिन्न भाव-भंगिमाओं से परिपूर्ण डॉ. आज़ाद की कविताएँ पृथ्वी से जन्नत तक की उड़ान भरती हैं। व्यक्ति, परिवार, समाज, राज्य, देश-विदेश की गतिविधियाँ कविता के मुख्य सरोकारों में शामिल हैं। प्रकृति, प्रवृत्ति, परछाईं, पीढ़ियाँ, परिवार, परमेश्वर के साथ स्व से शिखर तक डॉ. आज़ाद की कविताओं में उपस्थित हैं। देश एवं देश की परिस्थितियों को लेकर डॉ. आज़ाद चिन्तित रहते हैं। उनकी चिन्ता यह भी है कि जिनके कंधों पर देश को विकसित करने की जिम्मेवारी है, वे स्वयं बीमार हैं। अर्थात अयोग्य हैं। ‘बीमार है मुल्क’ कविता में वे लिखते हैं—‘बीमार है मुल्क/बीमार हैं कुर्सियाँ/बीमार हकीम से/हम दवा पूछ रहे हैं।’

उनकी कविता दुनिया में हो रहे पल-पल बदलाव की ख़बर रखती है। साथ ही संस्कृति के अवमूल्यन के प्रति सचेत भी करती है। एक कवि संवेदनशील संस्कृतिकर्मी भी होता है, इसलिए संस्कृति के अवमूल्यन से उनका चिन्तित होना स्वाभाविक है। संस्कृति के विभिन्न केन्द्रों का विपरीत व्यवहार डॉ. आज़ाद जैसे संवेदनशील एवं कर्मशील कवि को सोचने पर विवश कर देता है। उन्हीं के अनुसार—‘रक्षक बने भक्षक/मित्र बने तक्षक/संस्कृति हुई तार-तार/तस्कर बने परीक्षक।’

डॉ. राजवर्धन आज़ाद हिन्दी के अतिरिक्त अंग्रेज़ी में भी कविता लिखते हैं। इनकी संवेदनशीलता तमाम विधाओं में मानवीयता के अत्यंत क़रीब है। ‘नीम का शहद’ कवि हृदय व्यक्तियों के लिए ‘नीम’ और ‘शहद’ के गुणों से परिपूर्ण फलदायी सिद्ध होगा।

—डॉ. कल्याण कुमार झा

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Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 240p
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Rajvardhan Azad

Author: Rajvardhan Azad

डॉ. राजवर्धन आज़ाद

डॉ. राजवर्धन आज़ाद नेत्र चिकित्सक (रेटिनल सर्जन) के रूप में विश्वविख्यात हैं। एक प्रसिद्ध चिकित्सक का साहित्यिक रूपान्तरण सुखद संयोग है। डॉ. आज़ाद साहित्य की दुनिया में अपने कहानी-संग्रह ‘सोने का हाथ’ के माध्यम से चर्चित हुए। ‘Poems on Board’ शीर्षक से उनकी अंग्रेज़ी कविताओं का संग्रह भी प्रकाशित है।

‘नीम का शहद’ डॉ. आज़ाद का हिन्दी में पहला काव्य-संग्रह है। इस संग्रह की कविताएँ जीवन के विभिन्न रूप, रंग, गंध, स्पर्श, रस, स्वाद, आनन्द एवं शब्द से साक्षात्कार कराती हैं। मुक्त छंद में रचित जीवन्त कविताओं का यह संग्रह निश्चित रूप से पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल होगा।

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