‘मिश्का झूल रही है झूला’ प्रयाग शुक्ल की बाल-कविताओं का संग्रह है। बाल-कविताओं की तुकबंदी और लयात्मकता इनकी विशिष्टता है। ये कविताएँ बच्चों को अपने ध्वनि प्रभाव के साथ आकर्षित करती हैं। कह सकते हैं कि इस संग्रह की कविताओं में बाल-सुलभ जिज्ञासाएँ विद्यमान हैं। रेखाचित्रों के कारण यह और रोचक हो गई है।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Publication Year | 2016 |
Edition Year | 2016, Ed. 1st |
Pages | 24p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 27.5 X 21 X 0.2 |