Khelon Mein Bharat Ke Swarnim Pal

कोई भी खेल हो, उसे खेलते कुछ ही खिलाड़ी हैं, कई खेलों में तो सिर्फ एक ही; लेकिन वे प्रतीक बन जाते हैं पूरे देश के, देश के गौरव, सम्मान और संघर्ष-क्षमता के।
भारत के पास भी ऐसे खिलाड़ियों का बड़ा शक्ति-कोष है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में देश के गौरव-ध्वज को विश्व-मंच पर लहराया। वे न सिर्फ भारत की खेल-भावना के प्रतिनिधि बनकर उभरे बल्कि भावी खिलाड़ियों, युवाओं और सामान्यत: पूरे देश के लिए प्रेरणा भी साबित हुए।
इस पुस्तक में आजाद भारत के इतिहास के ऐसे ही क्षणों को एकत्रित किया गया है जब हमारे खिलाड़ियों ने, कई बार अनेक विपरीत परिस्थतियों के बावजूद, दुनिया को दिखा दिया कि कोई खेल ऐसा नहीं जिसमें हम दुनिया की बड़ी-से-बड़ी स्पर्द्धा में झंडा न गाड़ सकें।
स्वतंत्रता मिलने के अगले ही वर्ष हॉकी में पहला ओलम्पिक स्वर्णपदक जीतकर भारतीय खिलाड़ियों ने जो विजय-गाथा लिखना शुरू की थी, वह आज तक जारी है। इस बीच लगभग सभी खेलों में हमने अपनी मौजूदगी दर्ज की है, पदक हासिल किए हैं; विश्व-स्तर के अनेक खिलाड़ी दुनिया को दिए हैं।
उपलब्धियों और विजयों के ऐसे ही स्वर्णिम क्षणों का संकलन है यह किताब जिसमें पढ़नेवाले को ज्ञान के साथ, पवित्र खेल भावना की ऊर्जा तथा प्रेरणा के दर्शन भी होंगे।
Language | Hindi |
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Format | Hard Back |
Publication Year | 2021 |
Edition Year | 2022, Ed. 2nd |
Pages | 112p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 22.5 X 14.5 X 1 |
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