Karyalayi hindi aur computer anuprayog-Text Book

Author: Niranjan Sahay
ISBN: 9789393603708
Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
₹295.00
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9789393603708
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कार्यालयी हिन्दी का सबसे बड़ा उद्देश्य है हिन्दी के प्रचलन को बढ़ाना और उसे जन-जन तक पहुँचाना। संविधान द्वारा हिन्दी को राजभाषा तो बना दिया गया किन्तु उसे वह स्थान नहीं प्राप्त हुआ जो एक देश की प्रधान भाषा को मिलना चाहिए। कार्यालयों में हिन्दी को व्यापक बनाने के द्वारा ही हिन्दी की प्रधानता और प्रतिष्ठा को स्थापित किया जा सकता है। आज देश की सबसे बड़ी सम्पर्क भाषा हिन्दी है। भारत की अधिकांश जनता हिन्दी समझती और बोलती है किन्तु एक बड़ी संख्या ऐसी है जो हिन्दी लिख या पढ़ नहीं सकती। कार्यालयी हिन्दी को माध्यम बनाकर आमजन को हिन्दी लिखने तथा पढ़ने की प्रेरणा दी जा सकती है। क्योंकि कार्यालय से हर नागरिक का सरोकार होता है, अतः कार्यालयी हिन्दी के माध्यम से आम आदमी को उसके अधिकारों के प्रति सचेत किया जा सकता है। इसके माध्यम से सामान्य नागरिक तक शासन की नीतियों को आसानी से पहुँचाया जा सकता है। शासन तथा नागरिकों के बीच भाषायी अवरोध को समाप्त करने तथा जनता से सीधा संवाद स्थापित करने में कार्यालयी हिन्दी एक कारगर उपाय बन सकती है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय संघ की भाषा नीति और अनुप्रयोग के सिलसिले में बेहद संजीदा है। यह पाठ्यपुस्तक इन्हीं नीतियों का परिणाम है। पुस्तक का पारिभाषिक शब्दावली खंड विस्तृत हो गया है पर इसे विस्तृत करने का उद्देश्य महज इतना है कि पुस्तक के ज्ञान संसार के साथ रोजगारपरक परिधि का भी विस्तार हो। किताब का एक बड़ा हिस्सा कार्यालयों में कम्प्यूटर प्रयोग के विविध प्रयोगों के साथ ही उनके व्यावहारिक पहलुओं पर केन्द्रित है।

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Language Hindi
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 327p
Price ₹295.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
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Niranjan Sahay

Author: Niranjan Sahay

निरंजन सहाय

जन्म :  26 फरवरी, 1970; आरा, बिहार

पटना विश्वविद्यालय से स्नातक, जेएनयू से एम.ए. तथा एम.फिल. एवं मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से पी-एच.डी ।

 हिन्दी  आलोचक और पाठ्यक्रम परिकल्पक के रूप में ख्यात। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन आकाशवाणी और दूरदर्शन से विभिन्न वार्ताएँ प्रकाशित।

प्रकाशित पुस्तकें : ‘केदारनाथ सिंह और उनका समय’, ‘आत्मानुभूति के दायरे’, ‘प्रपद्यवाद और नलिन विलोचन शर्मा’, ‘शिक्षा की परिधि’, ‘जनसंचार माध्यम और विशेष लेखन’, ‘कार्यालयी हिन्दी और कंप्यूटर अनुप्रयोग’।

सम्प्रति : हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग,  महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अध्यक्ष पद पर कार्यरत।

ई-मेल : drniranjansahay@gmail.com

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