Ghar Bahar Ghar

Author: Harimohan
As low as ₹335.75 Regular Price ₹395.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Ghar Bahar Ghar
- +

सुपरिचित कथाकार हरिमोहन की कहानियों का यह संग्रह अपनी काव्यात्मक भाषा और सरल-सहज शिल्प के कारण अनायास ही आकर्षित करता है।

व्यक्ति के निजत्व की तलाश, प्रेम में चाँद को छूने की आकांक्षा, समसामयिक राजनीति की विद्रूपताओं व विडम्बनाओं, साम्प्रदायिक डायनासोर के आतंक, रिश्तों की रागात्मकता, प्रेम की मीठी व सुलगती हुई आँच, उपभोक्तावादी जीवन-शैली का एकाकीपन, दफ़्तरी जीवन का छल-छद्म आदि की काली-उजली छायाओं और गतिशील बिम्बों का मोहक कोलाज हैं ये कहानियाँ। भाषा की ताज़गी और कथ्य व विचारों की मौलिकता हरिमोहन की कहानियों की अनूठी विशेषता है।

सुचिंचित सरोकार वाली कथावस्तु, प्रवाहमय भाषा और संवेदनात्मक शिल्प के कारण ये कहानियाँ पाठकों को एक रचनात्मक लोक में ले जाने में सक्षम हैं।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2005
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 120p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Ghar Bahar Ghar
Your Rating

Author: Harimohan

हरिमोहन

जन्‍म : 11 फरवरी, 1953

प्रमुख कृतियाँ : ‘एक चेहरा पिता’, ‘खुली हुई नाव’, ‘चौथा शेर’ (कहानी-संग्रह); ‘अकेले-अकेले साथ’, ‘एकदा’ (उपन्‍यास); ‘निमैली धूप’, ‘पानी बनने की ज़ि‍द में’, ‘दिल्ली एक मेरी भी’ (कविता-संग्रह); ‘संस्कृति, पर्यावरण और पर्यटन’, ‘सूरजकुंड से पाताल लोक तक’ (यात्रा-वृत्तान्त)।

इनके अतिरिक्त पत्रकारिता, सूचना प्रौद्योगिकी तथा साहित्य-समीक्षा विषयक कई पुस्तकें प्रकाशित।

सम्मान : ‘राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार’, ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार’, ‘श्यामसुन्दर दास नामित पुरस्कार’, ‘बाबूराव विष्णु पराड़कर नामित पुरस्कार’ आदि।

यात्रा : मॉरीशस, लन्दन, अमेरिका, फ़्रांस, ट्रिनिडाड-टुबैगो (वेस्टइंडीज) आदि।

हेमवतीनन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर में 25 वर्ष तक हिन्‍दी के प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष। फिर डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता कला संकाय तथा क.मुं. हिन्दी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ में हिन्दी साहित्य के प्रोफ़ेसर रहे।

Read More
Books by this Author
Back to Top