Exclusive Author Signed Copy By Jean Drèze : Bharat Aur Uske Virodhabhas

Author: Jean Dreze
Edition: 2025, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹405.00 Regular Price ₹450.00
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Exclusive Author Signed Copy By Jean Drèze
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नब्बे के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के लिहाज़ से अच्छी प्रगति की है। उपनिवेशवादी शासन तले जो देश सदियों तक एक निम्न आय अर्थव्यवस्था के रूप में गतिरोध का शिकार बना रहा और आज़ादी के बाद भी कई दशकों तक बेहद धीमी रफ़्तार से आगे बढ़ा, उसके लिए यह निश्चित ही एक बड़ी उपलब्धि है।

लेकिन ऊँची और टिकाऊ वृद्धि दर को हासिल करने में सफलता अन्तत: इसी बात से आँकी जाएगी कि इस आर्थिक वृद्धि का लोगों के जीवन तथा उनकी स्वाधीनताओं पर क्या प्रभाव पड़ा है। भारत आर्थिक वृद्धि दर की सीढ़ियाँ तेज़ी से तो चढ़ता गया है लेकिन जीवन-स्तर के सामाजिक संकेतकों के पैमाने पर वह पिछड़ गया है—यहाँ तक कि उन देशों के मुक़ाबले भी जिनसे वह आर्थिक वृद्धि के मामले में आगे बढ़ा है। दुनिया में आर्थिक वृद्धि के इतिहास में ऐसे कुछ ही उदाहरण मिलते हैं कि कोई देश इतने लम्बे समय तक तेज़ आर्थिक वृद्धि करता रहा हो और मानव विकास के मामले में उसकी उपलब्धियाँ इतनी सीमित रही हों। इसे देखते हुए भारत में आर्थिक वृद्धि और सामाजिक प्रगति के बीच जो सम्बन्ध है, उसका गहरा विश्लेषण लम्बे अरसे से अपेक्षित है।

यह पुस्तक बताती है कि इन पारस्परिक सम्बन्धों के बारे में समझदारी का प्रभावी उपयोग किस तरह किया जा सकता है। जीवन-स्तर में सुधार तथा उनकी बेहतरी की दिशा में प्रगति और अन्तत: आर्थिक वृद्धि भी इसी पर निर्भर है।

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Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2025
Edition Year 2025, Ed. 1st
Pages 400p
Price ₹450.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 3
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Author: Jean Dreze

ज्यां द्रेज़

ज्यां द्रेज़ राँची विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर हैं। वे लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स तथा दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में भी अध्यापन कर चुके हैं। उन्होंने अमर्त्य सेन के साथ मिलकर 'हंगर एंड पब्लिक एक्शन’ और 'इंडिया : डेवलपमेंट एंड पार्टिसिपेशन’ पुस्तकें लिखी हैं। उनकी नई पुस्तक है—'सेंस एंड सॉलिडरिटी : झोलावाला इकोनॉमिक्स फ़ॉर एवरीवन’।

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