Dr. Bhimrao Ambedkar : Vyaktitva ke Kuchh Pahlu

Author: Mohan Singh
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Dr. Bhimrao Ambedkar : Vyaktitva ke Kuchh Pahlu

डॉ. भीमराव अम्बेडकर का नाम भारत के परिवर्तनवादी आन्दोलनों के इतिहास में सदैव स्मरणीय रहेगा वे भारत के दलित समाज के उद्धारक तथा पुरुषार्थ के प्रतीक थे

भारतीय समाज, जो अनन्त काल से जाति, वर्ण-विभाजन के कारण हज़ारों भागों में विभक्त था, उसके स्वीकरण का जो सराहनीय प्रयास डॉ. अम्बेडकर ने किया, वह भारतीय इतिहास का सुनहरा अध्याय है

जाति-प्रथा पर आधारित भारतीय समाज में जन्म-आधारित विषमता थी रोज़ी-रोज़गार में भयंकर अन्तराल था प्रगति के अवसर जन्मना जाति के आधार पर कुछ हिस्सों के लिए विशेष अवसर प्रदान करते थे और बहुसंख्यक वर्ग के लिए आगे बढ़ने के दरवाज़े बन्द थे—द्विजवादी उच्चता के शिकार, अनन्तकाल से जन्म के अभिशाप से अभिशप्त बहुसंख्यक वर्ग को डॉ. अम्बेडकर ने अपने साहसिक नेतृत्व से आगे बढ़ने की अदम्य शक्ति दी

डॉ. भीमराव अम्बेडकर के व्यक्तित्व से साक्षात्कार करनेवाली पठनीय पुस्तक

More Information
Language English
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 5th
Pages 140p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14.5 X 1
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Mohan Singh

Author: Mohan Singh

मोहन सिंह

4 मार्च, 1945 को जन्‍मे मोहन सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र यूनियन के सन् 1968-1969 तक अध्यक्ष रहे। वे शुरू से ही समाजवादी आन्दोलन के एक समर्पित कार्यकर्ता थे और यही कारण कि समाजवादी पार्टी के महासचिव भी बनाए गए। उन्‍होंने आपातकाल के विरोध में लम्बे समय तक जेल में व्‍यतीत किया। वे 1977 में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री, सन् 1980-85 तक लोकदल की ओर से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य और 1991-96 तक लोकसभा के सदस्य रहे।

उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—‘यादें और बातें’, ‘संविधान निर्माण में पं. नेहरू का योगदान’, ‘समाजवादी आन्दोलन का इतिहास’, ‘संसदीय लोकतंत्र का संकट : नेहरूयुगीन मान्यता’ आदि।

निधन : 22 सितम्‍बर, 2013

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