डॉ. भीमराव अम्बेडकर का नाम भारत के परिवर्तनवादी आन्दोलनों के इतिहास में सदैव स्मरणीय रहेगा। वे भारत के दलित समाज के उद्धारक तथा पुरुषार्थ के प्रतीक थे।
भारतीय समाज, जो अनन्त काल से जाति, वर्ण-विभाजन के कारण हज़ारों भागों में विभक्त था, उसके स्वीकरण का जो सराहनीय प्रयास डॉ. अम्बेडकर ने किया, वह भारतीय इतिहास का सुनहरा अध्याय है।
जाति-प्रथा पर आधारित भारतीय समाज में जन्म-आधारित विषमता थी। रोज़ी-रोज़गार में भयंकर अन्तराल था। प्रगति के अवसर जन्मना जाति के आधार पर कुछ हिस्सों के लिए विशेष अवसर प्रदान करते थे और बहुसंख्यक वर्ग के लिए आगे बढ़ने के दरवाज़े बन्द थे—द्विजवादी उच्चता के शिकार, अनन्तकाल से जन्म के अभिशाप से अभिशप्त बहुसंख्यक वर्ग को डॉ. अम्बेडकर ने अपने साहसिक नेतृत्व से आगे बढ़ने की अदम्य शक्ति दी।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर के व्यक्तित्व से साक्षात्कार करनेवाली पठनीय पुस्तक।
Language | English |
---|---|
Binding | Hard Back, Paper Back |
Publication Year | 2014 |
Edition Year | 2024, Ed. 6th |
Pages | 140p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Lokbharti Prakashan |
Dimensions | 21.5 X 14.5 X 1 |