Dhoomketu Dhoomil Aur Sathottari Kavita

Author: Meenakshi Joshi
Edition: 2009, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Dhoomketu Dhoomil Aur Sathottari Kavita

कविता जीवन की अभिव्यक्ति है, परन्तु उसकी सार्थकता जीवन से जुड़े रहने पर ही निर्भर है। यदि उसमें जीवन की सौन्दर्यमूलक और संवेदनशील अभिव्यक्ति नहीं है, मात्र काल्पनिकता है तो उसकी सार्थकता सन्दिग्ध हो जाती है। काव्य के माध्यम से सहृदय साहित्यकार अपनी अनुभूतियों को कुशलतापूर्वक अभिव्यक्त करते रहे हैं और पाठकों ने भी ऐसी अभिव्यक्तियों को सहर्ष स्वीकार किया है। साहित्य की विविध विधाओं में काव्य ही एक ऐसी विधा है, जो आदिकाल से लेकर आज तक सहज और स्वाभाविक रूप में निरन्तर प्रवहमान है। कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक अभिव्यक्ति की क्षमता काव्य में होती है। इसीलिए महाकवि कालरिज ने कहा था—कविता श्रेष्ठतम शब्दों का श्रेष्ठतम क्रम में संयोजन है। दोहा, छन्द इसका सशक्त प्रमाण हैं। समय के साथ-साथ काव्य के भाव-बोध, वस्तु और शिल्प में भी परिवर्तन हुए हैं। आधुनिक हिन्दी काव्य में यह परिवर्तन छायावाद से ही परिलक्षित होने लगा था। छायावादी कवियों ने अनुभूतियों की गहराई के साथ ही अभिव्यक्ति को भी प्रांजलता प्रदान की। तदनन्तर प्रगतिवाद, प्रयोगवाद और नई कविता का दौर आया। स्वाधीनता के बाद हिन्दी कविता विभिन्न आन्दोलनों के दौर से गुज़रती रही। इन सब आन्दोलनों में साठोत्तरी काव्य के नाम से अभिहित कविता अपने बेबाक चित्रण के कारण आधुनिक हिन्दी काव्य में अपनी एक अलग पहचान बनाने में पूर्णतः सफल हुई है।

साठोत्तरी कविता में धूमिल की रचनाधर्मिता एक अहम् भूमिका रखती है। इनकी कविताओं में कथ्य का ही ठोस धरातल नहीं है, अपितु शिल्प की भी एक नई भंगिमा है। कथ्य, भाषा एवं संरचना की दृष्टि से उन्होंने परम्परागत प्रतिमानों को तोड़कर नए प्रतिमानों की रचना की। उनकी कविताएँ संसद से लेकर सड़क तक बिखरी हैं। भ्रष्ट राजनीति और सामाजिक दिशाहीनता को उन्होंने व्यंग्य और वक्तव्य के माध्यम से अत्यन्त सपाट लहज़े में व्यक्त किया है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2009
Edition Year 2009, Ed. 1st
Pages 244p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.8
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Meenakshi Joshi

Author: Meenakshi Joshi

मीनाक्षी जोशी

जन्म : 2 जुलाई, 1956

शिक्षा : एम.ए., एम.फिल., पीएच.डी.।

कार्य : अध्यक्ष—हिन्दी विभाग, जे.एम. पटेल कॉलेज, भंडारा (महाराष्ट्र)।

सदस्य : 1. भारतीय हिन्दी परिषद्, इलाहाबाद; 2. हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग; 3. महाराष्ट्र हिन्दी परिषद्, कोल्हापुर; 4. भारतीय युवा संस्कार परिषद्, (विदर्भ); 5. हिन्दी प्राध्यापक परिषद्, नागपुर; विद्यापीठ, नागपुर, 6. संयोजक-गुजराती भाषा परामर्श समिति, ‘वात्सल्य’, नई दिल्ली।

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में 100 से अधिक कविताएँ, आलेख, व्यंग्य रचनाएँ प्रकाशित; आकाशवाणी नागपुर से वार्ता एवं कविता प्रसारित; आकाशवाणी पुणे से कविता प्रसारित; जम्मू दूरदर्शन से कविता प्रसारण; राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित अनेक हिन्दी अधिवेशनों एवं संगोष्ठियों में सहभाग एवं आलेख की प्रस्तुति; लन्दन में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन में आलेख प्रस्तुति एवं काव्य-पाठ।

अनुवाद (गुजराती से हिन्दी)—‘हंस’, ‘वागर्थ’, ‘अक्षरा’, ‘साक्षात्कार’ में कहानियाँ। ‘कापालिक कथा’ पुस्तक धारावाहिक ‘दैनिक भास्कर’, नागपुर से प्रकाशित। ‘नया ज्ञानोदय’, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली से चार कहानियाँ प्रकाशित। ‘समकालीन भारतीय साहित्य’, साहित्य अकादेमी, दिल्ली से कहानी एवं लेख प्रकाशित।

पुरस्कार : केन्द्रीय साहित्य अकादेमी, नागपुर द्वारा ‘भीम आर्य पुरस्कार’; अनुभव शिक्षा केन्द्र, चन्द्रपुर द्वारा ‘विशेष ज्यूरी पुरस्कार’; भारतीय युवा संस्कार परिषद् द्वारा ‘विदर्भ युवा गौरव पुरस्कार’; मध्य प्रदेश साहित्य सम्मेलन द्वारा ‘साहित्य सागर’ उपाधि से सम्मानित; मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा ‘सृजन सम्मान’ आदि।

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