Bhumandalikaran Aur Hindi Upanyas

Author: Pushppal Singh
Edition: 2023, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Bhumandalikaran Aur Hindi Upanyas
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भूमंडलीकरण सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तनों का समुच्चय है; यानी यह हमारे भीतर और बाहर, जीवन के दोनों पक्षों को प्रभावित करता है, कर रहा है।

साहित्य भी इससे अछूता नहीं रह सकता, वह भी उपन्यास जो जीवन का सर्वांगीण अंकन करता है। वरिष्ठ आलोचक पुष्पपाल सिंह की यह पुस्तक हिन्दी उपन्यासों के सन्दर्भ में भूमंडलीकरण और भूमंडलीकरण के सन्दर्भ में हिन्दी की औपन्यासिक कृतियों की विवेचना करती है। एक ओर इसमें भूमंडलीकरण और उसके आनुषंगिक प्रश्नों-विचारों का, उसके आर्थिक व सांस्कृतिक पक्षों का विशद और स्पष्ट विवेचन किया गया है, दूसरी ओर 1985 से लेकर मार्च-अप्रैल 2009 तक प्रकाशित अधिकांश महत्त्वपूर्ण उपन्यासों का भी अध्ययन प्रस्तुत कि गया है। हिन्दी उपन्यासों का इतना बृहत् अध्ययन भूमंडलीकरण के सन्दर्भ में पहली बार हुआ है।

निरपेक्ष और स्पष्ट समीक्षा के लिए ख्यात पुष्पपाल सिंह ने इस पुस्तक में समीक्षित उपन्यासों पर अपनी राय का निर्धारण उनकी रचनात्मकता के आधार पर ही किया है, किसी अन्य कारण से नहीं। साथ ही एक नई समीक्षा-पद्धति और कथा-समीक्षा की एक नई शाखा विकसित करने का भी प्रयास उन्होंने यहाँ किया है। अकादमिक और उबाऊ आलोचना से हटकर यह पुस्तक निश्चय ही पाठकों को एक नया पाठ-सुख प्रदान करती है और समकालीन साहित्य-परिदृश्य पर एक नई दृष्टि विकसित करने का अवसर भी देती है।

 

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2023, Ed. 3rd
Pages 288p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Pushppal Singh

Author: Pushppal Singh

पुष्पपाल सिंह

जन्म : 4 नवम्बर, 1941; भदस्याना (मेरठ, उ.प्र.)।

शिक्षा : कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता से डी.फिल., जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू से डी.लिट्., पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से हिन्दी विभाग के प्रोफ़ेसर तथा अध्यक्ष के रूप में सेवा-निवृत्ति।

प्रमुख कृतियाँ : ‘आधुनिक हिन्दी कविता में महाभारत के कुछ पात्र’, ‘काव्य-मिथक’, ‘आधुनिक हिन्दी साहित्य : विकास के विविध सोपान’, ‘कमलेश्वर : कहानी का सन्दर्भ’, ‘समकालीन कहानी : युगबोध का सन्दर्भ’, ‘समकालीन कहानी : रचना-मुद्रा’, ‘समकालीन कहानी : सोच और समझ’, ‘समकालीन हिन्दी कहानी’, ‘बीसवीं शती : कृष्ण कथा-काव्य’, ‘हिन्दी कहानी : विश्वकोश’ (प्रथम खंड), ‘कबीर ग्रन्थावली सटीक’, ‘भ्रमरगीत सार : समीक्षा और व्याख्या’, ‘हिन्दी गद्य : इधर की उपलब्धियाँ’, ‘समकालीन कहानी : नया परिप्रेक्ष्य’, ‘भूमंडलीकरण और हिन्दी उपन्यास’, ‘वैश्विक गाँव और आम आदमी’, ‘हिन्दी कहानीकार कमलेश्वर : पुनर्मूल्यांकन’, ‘कहानी का उत्तर समय : सृजन-सन्दर्भ’, ‘रवीन्द्रनाथ त्यागी : विनिबन्ध’ (आलोचना); ‘तारीख़ का इन्तज़ार’ (कहानी-संग्रह); ‘जुग बीते, युग आए’ (रिपोर्ताज); ‘हिन्दी की क्लासिक कहानियाँ’ (छह खंड), 'सुनीता जैन समग्र’ (14 खंड), ‘भारतीय साहित्य के स्वर्णाक्षर : प्रेमचन्द’, ‘जयशंकर प्रसाद’, ‘हिन्दी का प्रथम उपन्यास : देवरानी जेठानी की कहानी’ (सम्‍पादन); ‘समकालीन पंजाबी प्रतिनिधि कहानियाँ’, 'सरबत दा भला’ (अनुवाद)।

सम्‍मान : 'साहित्य-भूषण’ (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान), ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार’ (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान), ‘शिरोमणि साहित्यकार पुरस्कार’ आदि।

निधन : 29 अगस्‍त, 2015

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