Bharat Ka Saral Itihas-Text Book

ISBN: 9788180318917
Edition: 2012, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
₹60.00
In stock
SKU
9788180318917
- +
Share:

प्रस्तुत पुस्तक में बारह अध्याय हैं। इतिहास की परिभाषा एवं अवधारणा तथा इतिहास लेखन के विभिन्न पहलुओं पर प्रथम अध्याय में प्रकाश डाला गया है। सातवीं शताब्दी से भारत में सामन्तवादी तत्त्व विकसित होकर भारत को विखंडित कर दिए। एक नवीन भारत मुस्लिमकाल में अवतरित हुआ जहाँ शूद्र और ब्राह्मण के बीच की दूरी कम होती गई और चूँकि शूद्र (दलित) सम्मिलित कर लिए गए, अत: तथाकथित हिन्दुओं की संख्या में वृद्धि हुई। मुस्लिम माहौल में दलितों के साथ भेदभाव की भावना घटी। अंग्रेज़ी काल का ज़माना आया क्योंकि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पश्चिम की तुलना में मुग़लकाल का भारत पिछड़ गया।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2010
Edition Year 2012, Ed. 2nd
Pages 181p
Price ₹60.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Bharat Ka Saral Itihas-Text Book
Your Rating
Om Prakash Prasad

Author: Om Prakash Prasad

ओम् प्रकाश प्रसाद
डॉ. ओम् प्रकाश प्रसाद 1980 से स्नातकोत्तर इतिहास विभाग, पटना विश्वविद्यालय (बिहार) में प्राध्यापक (ऐसोशिएट प्रोफ़ेसर) के रूप में कार्यरत हैं। ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ़ इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस’ में इनके क़रीब 10 शोध लेख प्रकाशित हैं। इसके गोल्डन जुबली वॉल्यूम (सम्पादक : वी.डी. चट्टोपाध्याय) में इनका चयनित शोध लेख प्रकाशित है। दिल्ली विश्वविद्यालय, हिन्दी कार्यान्वयन निदेशालय (दिल्ली-7), खुदाबख्श पब्लिक ओरियंटल लाइब्रेरी (पटना), के.पी. जायसवाल शोध संस्थान, पटना एवं अन्य मान्यता प्राप्त प्रकाशनों से डॉ. प्रसाद की कई पुस्तकें प्रकाशित हैं। राजकमल प्रकाशन से कलियुग पर प्रकाशित पुस्तक को इस विषय पर प्रथम पुस्तक की मान्यता मिली है। इस प्रकाशन से प्रकाशित होनेवाली दूसरी ‘पुस्तक प्राचीन विश्व का उदय एवं विकास’ है। डॉ. प्रसाद आजकल स्नातकोत्तर इतिहास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पढ़ाते हैं। डॉ. प्रसाद को ‘इंडियन काउंसिल ऑफ़ हिस्टोरिकल रिसर्च’, नई दिल्ली से स्टडी ग्रांट, ट्रैवल ग्रांट, फ़ेलोशिप और पब्लिकेशन ग्रांट मिल चुका है। शोध-प्रबन्ध ‘डिके एंड रिवाइवल ऑफ़ मिडिवल टॉउन्स इन कर्नाटका’ के परीक्षक प्रोफ़ेसर रामशरण शर्मा और प्रोफ़ेसर एम.जी.एस. नारायणन थे।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top