Asim Hai Asman

Memoirs
Author: Narendra Jadhav
Translator: Kamlakar Sontakke
You Save 20%
Out of stock
Only %1 left
SKU
Asim Hai Asman

छुआछूत और जातीय अस्पृश्यता का कलंक भारत की 3500 वर्ष पुरानी जाति-व्यवस्था का शाप है, जो दुर्भाग्यवश आज भी जीवित है और समय-समय पर उफन पड़ता है। पर धीरे-धीरे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि अब वह देश की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक गतिशीलता के सामने अधिक समय तक टिक नहीं सकेगी।

‘असीम है आसमाँ’ ऐसे ही एक परिवार की कहानी है, जिसने लगातार जाति-व्यवस्था, निरक्षरता, अज्ञान, अन्धविश्वास तथा ग़रीबी के विरोध में संघर्ष किया।

इसमें एक परिवार की तीन पीढ़ियों के संघर्ष की कथा है जिसकी पृष्ठभूमि में भारत के स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक तथा राजनीतिक परिवर्तन की विस्तृत झाँकी मिलती
है।

सन् 1993 में यह उपन्यास ‘आमचा बाप आणि आम्ही’ शीर्षक से मराठी में प्रकाशित हुआ, जो अत्यन्त लोकप्रिय रहा। तत्पश्चात् अंग्रेज़ी, फ़्रेंच तथा स्पेनिश जैसी विदेशी भाषाओं में तथा गुजराती, तमिल, कन्नड़, उर्दू और पंजाबी जैसे भारतीय भाषाओं में भी इसका अनुवाद प्रकाशित हुआ।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Edition Year 2006
Pages 239p
Translator Kamlakar Sontakke
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Asim Hai Asman
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Narendra Jadhav

Author: Narendra Jadhav

नरेन्द्र जाधव

जन्म : 1953; मुम्बई में।

जाने-माने अर्थशास्त्री, ऊर्जावान लेखक और मुखर जन-प्रवक्ता डॉ. नरेन्द्र जाधव अभी रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के प्रधान सलाहकार और मुख्य अर्थशास्त्री (कार्यकारी निदेशक स्तरीय) के पद पर कार्यरत रहे। नौ पुस्तकों और पचहत्तर शोध-पत्रों और आलेखों के लेखक नरेन्द्र जाधव मुम्बई में रहते हैं। इन्होंने बी.एस-सी. और एम.ए. मुम्बई विश्वविद्यालय से तथा विशेष शैक्षणिक योग्यताओं के साथ पीएच.डी. इंडियाना विश्वविद्यालय (यू.एस.ए.) से किया है।

केन्द्रीय बैंकिंग सेवा में इन्होंने महत्त्वपूर्ण काम किया है जिसमें चार वर्ष अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के सलाहकार के तौर पर काम करना भी शामिल है।

डॉ. जाधव अंग्रेज़ी और मराठी, दोनों भाषाओं में आर्थिक और सामाजिक विषयों पर लिखते रहे हैं। इनकी पारिवारिक जीवनी ‘अनटचेबल’ मराठी, हिन्दी, गुजराती, कन्नड़, पंजाबी, तमिल, उर्दू, अंग्रेज़ी और फ़्रेंच तथा स्पेनिश आदि भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी है।

Read More
Books by this Author

Back to Top