Abhishapt : Masoom Chehre

Translator: P. Madhavan Pillai
Edition: 2003
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Abhishapt : Masoom Chehre

‘मनुष्य! कितना सुन्दर शब्द है!’—मैक्सिम गोर्की ने कहा था लेकिन सब जानते हैं कि सारे मनुष्य ‘सुन्दर’ शब्द से अलंकृत होने का सौभाग्य प्राप्त नहीं कर पाते। सुन्दरता की तीव्र इच्छा रखते हुए भी देश के हज़ारों मनुष्य असुन्दर जीवन जीने के लिए बाध्य होते हैं।

हमारे संविधान में सभी नागरिकों के लिए समान रूप से अधिकारों की सुरक्षा का प्रावधान है, लेकिन हज़ारों-लाखों नागरिक ऐसे हैं जो इस तथ्य से अवगत नहीं हैं। बड़ी संख्या में ऐसे दलित, पीड़ित, शोषित इनसान हैं जो मानव अधिकारों से बिलकुल वंचित हैं। ये निरन्न, निर्वस्त्र, निस्सहाय लोग भी मानव कहलाने योग्य हैं। उनके प्रति मानवोचित बर्ताव करना सभ्य समझे जानेवाले समाज का धर्म है। उपेक्षा और अवहेलना का पात्र बनकर सामाजिक जीवन के अँधेरे बन्द कमरों में ढकेले गए पशु समान जीवन बितानेवाले इन निरीहों को मानवता के महान आसन पर आसीन कराना अनिवार्य है।

इस महान उद्देश्य से प्रेरित होकर मलयालम के मशहूर पत्रकार जॉन कुन्नप्पल्लि ने सात मर्मस्पर्शी लेख लिखे। जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से सम्बन्धित कुछ ज्वलन्त समस्याओं का गहन अध्ययन तथा विशद विश्लेषण इनमें किया गया है। उन्होंने यथार्थ की ठोस धरती पर खड़े होकर तथ्यों का अनावरण किया है जिसमें असत्य या अतिशयोक्ति का रंग नहीं पोता गया।

इस तरह देखें तो मलयालम से हिन्दी में अनूदित यह पुस्तक सामयिक मुद्दों के सन्दर्भ में चिन्तन और विश्लेषण-दृष्टि के स्तर पर जो पृष्ठभूमि तैयार करती है, वह बहुत ही महत्त्वपूर्ण और उपयोगी है। सुविज्ञ पाठकों के लिए एक संग्रहणीय पुस्तक है ‘अभिशप्त मासूम चेहरे’।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Edition Year 2003
Pages 169p
Translator P. Madhavan Pillai
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Author: Jaan Kunnappally

जॉन कुन्नप्पल्लि

प्रमुख पत्रकार और साहित्यकार। ‘मलयालम मनोरमा’ के उप-सम्पादक हैं। पत्रकारिता में जर्मनी में विशेष प्रशिक्षण पत्रकारिता पाया। पत्रकारिता से 15 पुरस्कार प्राप्त। स्टेट्समेन,

पी.यू.सी.एल., डब्ल्यू.एच.ओ., यूनिसेफ़, सार्क आदि की ओर से सम्मानित हुए।

‘केरल साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘केरल सरकार का पुरस्कार’, ‘के.एम. चेरियन साहित्य पुरस्कार’ प्राप्त हुए हैं।

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