Aalap Mein Girah

Poetry
Author: Geet Chaturvedi
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Aalap Mein Girah
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अपनी प्रतिबद्ध विवेकशील विश्वचेतना में रघुवीर सहाय के बाद की समर्थ हिन्दी कविता समसामयिक, प्रतिभावान युवा कवियों द्वारा इस कदर समृद्ध और अग्रेषित की जा रही है कि अपने पाठक, आस्वादक, समीक्षक और विश्लेषक के सामने अपूर्व, कभी-कभी तरद्दुद और सांसत में डाल देनेवाली, किन्‍तु शायद हमेशा रोमांचक चुनौतियाँ खड़ी करती जाती है।

गीत चतुर्वेदी की ये कविताएँ राष्ट्र ओर व्यक्ति-दशा ('स्टेट ऑफ़ द नेशन एंड द इंडीविजुअल') की कविताएँ हैं।

उनकी काव्य-निर्मित और शिल्प की एक सिफ़त यह भी है कि वे 'यथार्थ' और 'कल्पित', ठोस और अमूर्त, संगत से विसंगत, रोज़मर्रा से उदात की बहुआयामी यात्रा एक ही कविता में उपलब्ध कर लेते हैं।

इतिहास से गुज़रने का उनका तरीक़ा कुछ-कुछ चार्ली चैप्लिन-सा है और कुछ काल-यात्री (टाइम ट्रैवलर) सरीखा है...

भारतीय समाज के लुच्चाकरण और अमानवीयता पर जो बहुत कम हिन्दी कवि नज़र रखे हुए हैं, गीत चतुर्वेदी उनमें भी एक निर्भीक यथार्थवादी हैं।

—विष्णु खरे

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2010
Edition Year 2023, Ed. 3rd
Pages 160p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
Geet Chaturvedi

Author: Geet Chaturvedi

गीत चतुर्वेदी

27 नवम्बर, 1977 को मुम्बई में जन्मे गीत चतुर्वेदी को हिन्‍दी के सबसे ज़्यादा पढ़े जानेवाले समकालीन लेखकों में से एक माना जाता है। उनकी दस किताबें प्रकाशित हैं, जिनमें दो कहानी-संग्रह (‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ व ‘पिंक स्लिप डैडी’, 2010) तथा दो कविता-संग्रह (‘आलाप में गिरह’, 2010 व ‘न्यूनतम मैं’, 2017) शामिल हैं। ‘न्यूनतम मैं’ करीब दो साल तक हिन्दी की बेस्टसेलर सूची में शामिल रहा। साहित्य, सिनेमा व संगीत पर लिखे उनके निबन्धों का संग्रह ‘टेबल लैम्प’ 2018 में आया।

कविता के लिए गीत को ‘भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार’ तथा गल्प के लिए ‘कृष्णप्रताप कथा सम्मान’, ‘शैलेश मटियानी कथा सम्मान’, ‘कृष्ण बलदेव वैद फ़ेलोशिप’, ‘स्‍पंदन कृति सम्‍मान’ मिल चुके हैं।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ सहित कई प्रकाशन संस्थानों ने उन्हें भारतीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में शुमार किया है। गीत चतुर्वेदी की रचनाएँ देश-दुनिया की 19 भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। उनकी कविताओं के अंग्रेज़ी अनुवाद का संग्रह ‘द मेमरी ऑफ़ नॉउ’ 2019 के बसंत में अमेरिका से प्रकाशित हुआ। उनके नॉवेल ‘सिमसिम’ के अंग्रेज़ी अनुवाद को (अनुवादक अनिता गोपालन) ‘पेन अमेरिका’ ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ‘पेन-हैम ट्रांसलेशन ग्रांट अवार्ड’ दिया है। गीत इन दिनों भोपाल में रहते हैं।

 

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